इजिप्ट के ज़रिये इस्रायल यूरोपिय महासंघ को गैस की आपूर्ति करेगा

कैरो – इस्रायल, इजिप्ट और यूरोपिय महासंघ ने ईंधन संबंधित समझौता किया है। इसके अनुसार इस्रायल इजिप्ट के सहयोग से यूरोपिय महासंघ को नैसर्गिक ईंधनवायु की आपूर्ति करेगा। इस वजह से यह समझौता ऐतिहासिक साबित हुआ है और इस वजह से अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा क्षेत्र में अपने देश का स्थान निर्माण हो रहा है, ऐसा इस्रायल के ऊर्जामंत्री ने कहा है। इससे यूरोपिय महासंघ की रशियन ईंधन पर निर्भरता कम होगी, ऐसा दावा किया जा रहा है।

यूरोपिय देश रशिया के ईंधन पर भारी मात्रा में निर्भर हैं। पिछले साल रशिया के ईंधनवायु निर्यात में से ४० प्रतिशत निर्यात यूरोपिय देशों को हुआ था। लेकिन, यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पिछले तीन महीनों से यूरोपिय महासंघ ने रशिया पर सख्त प्रतिबंध लगाए। इसका यूरोपिय देशों के रशिया के साथ ईंधन संबंधित सहयोग पर सीधा असर पडा है।

इसी बीच ‘हमारा उत्पादन, हमारे नियम’ ऐसा कहकर रशियन ईंधन निर्माती कंपनी गाज़प्रोम ने जर्मनी को प्रतिदिन हो रही ईंधन वायु की सप्लाई कम की है। आनेवाले समय में रशिया अन्य यूरोपिय देशों के लिए भी ऐसा ही निर्णय करेगी, ऐसी आशंका जतायी जा रही है। इस दौर में खाड़ी देशों ने भी रशिया पर लगाए प्रतिबंधों का विरोध किया और यूरोपिय देशों के लिए ईंधन का उत्पादन बढ़ाने की अमरीका की माँग ठुकरायी।

इस वजह से मुश्‍किल में घिरे यूरोपिय महासंघ ने इस्रायल से ईंधन वायु खरीदने की गतिविधियाँ शुरू की थीं। इस पृष्ठभूमि पर यूरोपिय कमिशन की प्रमुख उर्सुला वॉन दर लेन ने इजिप्ट की राजधानी कैरो का दौरा करके इस्रायल की ऊर्जामंत्री कैरिन एलहरार से मुलाकात की। इस दौरान इस्रायल, इजिप्ट और यूरोपिय महासंघ ने ईंधन वायु के निर्यात से संबंधित समझौता किया।

इसके अनुसार भूमध्य समुद्र में स्थित इस्रायल के ईंधन पर इजिप्ट में प्रक्रिया करके उसे समुद्री मार्ग से आगे यूरोप भेजा जाएगा। इस वजह से इस्रायल को हर वर्ष २९ करोड़ डॉलर्स प्राप्त होंगे, ऐसा इस्रायली समाचार चैनलों का कहना है। इस्रायल के ऊर्जा क्षेत्र के लिए यह काफी बड़ी गतिविधि होगी, ऐसा एलहरार ने कहा है। इससे पहले इस्रायली कंपनी ने तुर्की के सहयोग से इराक के ईंधन पाइपलाइन के ज़रिये सीरिया के रास्ते यूरोप तक पहुँचाने की कोशिश की थी।

इस्रायल, इजिप्ट और यूरोपिय देशों का यह ईंधन सहयोग सिर्फ ईंधन के कारोबार तक ही सीमित नहीं रहेगा। रशिया के संबंधों को इससे बड़ा नुकसान पहुँच सकता है। इस वजह से वर्णित सहयोग के काफी बड़े आर्थिक और सामरिक असर अगले समय में सामने आ सकते हैं।

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