आर्थिक सर्वेक्षण में, भारत के विकास दर में गिरावट का अंदाज़ा

नवी दिल्ली, दि. ३१ : सन २०१६-१७ का आर्थिक सर्वेक्षण ब्योरा मंगलवार को संसद में रखा गया| आम बजेट पेश करने के एक दिन पहले पेश किए गए निगरानी अहवाल में, इस साल विकास दर में गिरावट होने की आशंका जताई गई है| आयकर कम करने के साथ ही, कॉर्पोरेट टॅक्स भी एक निश्‍चित समयसीमा तय करते हुए कम करने की सूचना इस अहवाल में की गई है|

आर्थिक सर्वेक्षण‘नोटबंदी’ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर हुआ है| इस वजह से भारत के विकास दर में गिरावट होने की आशंका अलग-अलग सर्वेक्षणों के जरिए जताई गई थी| विश्‍व की वित्तीय संस्थाओं ने भी भारत का विकास दर फिलहाल पिछले वर्ष की तुलना में कम रहेगा, ऐसा कहा था| आर्थिक सर्वेक्षण में भी इस बात को दर्ज किया गया था| भारत के विकास दर में इस साल, पिछले वर्ष की तुलना में आधा प्रतिशत गिरावट होगी, ऐसा अंदाज़ा आर्थिक सर्वेक्षण में जताया गया| इस साल आर्थिक विकास दर ७.१ प्रतिशत पर रहेगा, ऐसा अंदाजा सर्वेक्षण अहवाल में जताया गया है| लेकिन अगले वर्ष विकास दर फिर से उ़छलकर साढ़ेसात प्रतिशत तक पहुँचेगा और जीएसटी एवं अन्य आर्थिक सुधारणाओं की वजह से, आनेवाले समय में विकास दर में बढ़ोतरी होगी, ऐसा दावा भी आर्थिक सर्वेक्षण में किया गया है| देश का विकास दर २०१५-१६ में ७.६ प्रतिशत था|

यह अहवाल मुख्य आर्थिक सलाहगार अरविंद सुब्रमणीयन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक टीम ने तैयार किया है| इस अहवाल में सरकार को कई सिफ़ारिशें की गई थीं| इस साल, पहली बार आम बजेट १ फरवरी को पेश किया जा रहा है| साथ ही, अलग रेल्वे बजेट पेश करने की परंपरा को इस साल से खारिज करते हुए आम बजेट के साथ ही रेल बजेट पेश किया जा रहा है| देश के आर्थिक विकास दर में गिरावट होने का अंदाजा, इससे पहले दुनिया की वित्तसंस्थाओं ने लगाया था। उसे मद्देनज़र करते हुए, केंद्र सरकार के इस आर्थिक सर्वेक्षण की ओर लोगों का ध्यान लगा हुआ था|

केंद्रीय अर्थमंत्री ने यह अहवाल संसद में पेश किया| इस अहवाल में, कृषी क्षेत्र का विकास दर इस साल बढ़ने की उम्मीद जताई गई है| कृषि क्षेत्र का विकास दर ४.१ प्रतिशत तक पहुँचेगा, ऐसा अंदाजा अर्थमंत्री ने पेश किए इस सर्वेक्षण अहवाल में जताया गया है| पिछले साल कृषि विकास दर १.२ प्रतिशत था|

लेकिन इसके बावजूद दूध, शक्कर, प्याज़, बटाटा इन जैसीं ज़रूरी वस्तुओं के उत्पादन पर असर होने के कारण, आनेवाले समय में इन उत्पादनों की सप्लाई में गिरावट होने की आशंका इस अहवाल में जताई गई है| इसीके साथ औद्योगिक विकास दर भी ७.४ प्रतिशत से ५.२ प्रतिशत तक नीचे आयेगा, ऐसा अंदाज़ा इस सर्वेक्षण में लगाया गया है| बैकों के सामने गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (नॉन-पर्फ़ोर्मिंग ऍसेट्स-एनपीए) की समस्या पर उपाययोजना करने के लिए ‘पब्लिक सेक्टर एसेट रिहॅबिलिटेशन एजन्सी’ (पीएआरए) इस स्वतंत्र केंद्रीय विभाग की स्थापना करने की सूचना भी इस सर्वेक्षण अहवाल में की गई है|

इसी दौरान, राष्ट्रपती प्रणव मुखर्जी के अभिभाषण के साथ अर्थसंकल्पीय अधिवेशन की शुरुवात हुई| इस अभिभाषण में ‘पीओके’ में घुसकर, आतंकवादियों के ठिकाने उद्ध्वस्त करने के लिए भारतीय जवानों ने किए ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ की तारीफ़ राष्ट्रपति ने की| ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ करनेवाले जवानों पर हमें गर्व है और इस वजह से आतंकवादियों को मुँहतोड़ जवाब मिला है, ऐसा राष्ट्रपती ने कहा| साथ ही, राष्ट्रपति ने इस अभिभाषण में, केंद्र सरकार के विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी|

Leave a Reply

Your email address will not be published.