रक्षा मंत्रालय ने दी ३८,९०० करोड़ रुपयों के रक्षा सामान की खरीद को मंज़ुरी

नई दिल्ली – लद्दाख में कभी भी संघर्ष शुरू होने की स्थिति बनी होते समय, रक्षा मंत्रालय ने ३८,९०० करोड़ रुपयों के रक्षा सामान की खरीद करने के लिए मंज़ुरी प्रदान की है। इसमें रशिया से ३३ लड़ाकू विमान, वायुसेना और नौसेना के लिए २४८ ‘अस्त्र’ मिसाइल और अन्य रक्षा सामान का समावेश है।

Defenceलद्दाख में चीन के साथ बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि पर सरकार रक्षा सिद्धता में बढ़ोतरी कर रही है। गुरुवार के दिन रक्षा मंत्रालय के ‘डिफेन्स एक्विझिशन कौन्सिल’ (डीएसी) की बैठक में इस खरीद से संबंधित दो निर्णय किए गए। दो हफ़्ते पहले ही वायुसेना ने रशिया से १२ ‘सुखोई ३०-एमकेआय’ और २१ ‘मिग-२९’ लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के सामने रखा था। इस प्रस्ताव को ‘डीएसी’ की बैठक में मंज़ुरी दी गई।

साथ ही, भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल ५९ ‘मिग-२९’ विमानों का आधुनिकीकरण करने के लिए भी डीएसी ने मंज़ुरी दी है। ३३ नये लड़ाकू विमानों की खरीद के साथ ५९ ‘मिग’ विमानों का आधुनिकीकरण करने के लिए कुल १८,१४८ करोड़ रुपयों का व्यवहार होगा।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने पिछले हफ़्ते में तीन दिन की रशिया यात्रा की थी। इस दौरान रशिया के रक्षामंत्री के साथ उन्होंने इन विमानों समेत अन्य रक्षा सामान की आपूर्ति करने के मुद्दे पर चर्चा करने का समाचार प्राप्त हुआ था। रशिया ने भी भारत को तुरंत आवश्‍यक सामान की आपूर्ति करने के संकेत दिए थे। रक्षामंत्री की इस रशिया यात्रा के बाद हफ़्तेभर में ही इस खरीद संबंधित प्रस्ताव को ‘डीएसी’ ने मंज़ुरी दी है।

इसके अलावा, भारतीय वायुसेना एवं नौसेना के लड़ाकू विमानों के लिए, हवा से हवा मे हमला करनेवाले भारतीय निर्माण के २४८ मिसाइलों की खरीद करने के लिए भी ‘डीएसी’ ने अनुमति प्रदान की है। ये मिसाइल ‘ऑल वेदर’ सटीक हमला करने की क्षमता रखते हैं। पिछले वर्ष सितंबर महीने में ओडिसा के बालासोर में ‘सुखोई ३०-एमकेआय’ विमान से ‘अस्त्र’ का परीक्षण किया गया था। हिंदुस्थान एरोनेटिक्स (हल) ने ‘सुखोई ३०-एमकेआय’ पर ‘अस्त्र’ की तैनाती के लिए विमान में आवश्‍यक बदलाव करने की खबरें प्राप्त हुई थीं। वायुसेना और नौसेना के बेड़ें में तैनात विमान अब ‘अस्त्र’ से लैस किए जा रहे हैं।

‘डीएसी’ ने ‘पिनाक’ राकेट लौंचर के लिए बारूद खरीद करने के साथ ही, सेना के बेड़े में तैनात ‘बीएमपी’ टैंक का आधुनिकीकरण तथा लष्कर की विशेष रेडियो यंत्रणा की खरीद करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने, हज़ार किलोमीटर दूरी तक हमला करने की क्षमता के क्रूज़ मिसाइल का निर्माण करना शुरू किया है और यह ‘क्रूज़ मिसाइल’ विकसित करने के लिए भी ‘डीएसी’ ने मंज़ुरी दी है।

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