लश्करी अभ्यास का कारण दिखाकर चीन के 71 विमानों समेत सात युद्धनौकाओं की तैवान की सीमा में घुसपैठ – अब तक की सबसे बडी घुसपैठ होने का तैवान का दावा

तैपेई/बीजिंग – अमेरिका एवं तैवान उकसाने वाली हरकतें कर रहे हैं ऐसा कलंक लगाते हुए चीन ने रविवार को अचानक संरक्षण अभ्यास का आयोजन किया। इस अभ्यास के कारण के तहत चीन ने पूरे 71 लडाकू एवं गश्त विमान तथा सात युद्धनौकाएं तैवान की सीमा में घुसपैठ की। चीन ने 24 घंटों के भीतर की हुई यह सबसे बडी घुसपैठ होने की जानकारी तैवान के संरक्षण मंत्रालय ने दी है। चीन की इस घुसपैठ पर अमेरिका एवं जापान से तीव्र प्रतिक्रियाएं आई हैं।

पिछले कुछ महीनों में चीन द्वारा तैवान पर आक्रमण की संभावना बढने के इशारे निरंतररूप से दिए जा रहे हैं। रशिया-युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन अधिक आक्रामक बना है और सन 2023 में ही चीन तैवान हमला करेगा, ऐसा दावा कुछ विश्लेषक कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में चीन ने तैवान की सीमा में फिर से बडे पैमाने पर घुसपैठ शुरु की है, जिससे इस दावे को समर्थन मिल रहा है।

रविवारी की घुसपैठ चीन द्वारा 24 घंटों में तैवान की सीमा में कि गई सबसे बडी घुसपैठ है। इसके दौरान चीन एन अपने 71 लडाकू एवं गश्त विमानों को तथा सात युद्धनौकाओं को दो देशों की सीमा के भाग वाली ‘मिडियन लाईन’ पार करके आगे भेजने की बात सामने आई है। तब चीन के विमानों ने तैवान के ‘सेंल माऊंटेन रेंज’ के फोटोस निकालकर वे सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध भी किए हैं। चीन ने अपनी घुसपैठ का समर्थ करते हुए दावा किया कि, ‘स्ट्राईक ड्रिल्स’ का भाग होता है।

चीन की घुसपैठ बडी उकसानेवाली बात होने का आरोप तैवान सरकार ने लगाया है। अमेरिका एवं जापान ने भी चीन की घुसपैठ पर नाराजगी व्यक्त की है। चीन की यह घुसपैठ अमेरिका एवं जापान ने घोषित किए हुए व्यापक संरक्षण खर्च पर अंकित की हुई प्रतिक्रिया होने का दावा कुछ विश्लेषक कर रहे हैं। इन दोनों देशों ने आनेवाले समय में चीन के खिलाफ संरक्षसज्जता के लिए बडे पैमाने पर शस्त्रास्त्रों की खरीदी तथा तैनाती करने के इरादे घोषित किए थे।

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