कार्ल लिनीयस (१७०७-१७७८)

कार्ल लिनीयस (१७०७-१७७८)

७७०० वनस्पति, ४४०० प्राणि और केवल एक मनुष्य! कुल मिलाकर ४५ वर्षों के कार्यकाल के अन्तर्गत कार्ल लिनियस नामक शास्त्रज्ञ द्वारा किया गया संशोधन। अठारहवी सदी में केवल एक टेलिस्कोप, सूक्ष्म दर्शक यंत्र, एक बड़ी छुरी एवं कागज़ इतनी ही साधनसामग्री उपलब्ध होने के बावजूद भी अपनी पूरी लगन एवं (परिश्रम के साथ) कुछ करने […]

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डॉ. जॉर्ज वॉशिंग्टन कार्व्हर

डॉ. जॉर्ज वॉशिंग्टन कार्व्हर

क्या आप रहस्य जानना चाहते हो? तो फिर वस्तुओं को सूक्ष्मता से, गहराई से देखना सीखो| उसका विश्‍लेषण करो, उसके घटक द्रव्यों के प्रति ध्यान रखो| इसी में से विश्‍व की नवीन संरचना की जा सकती है| ‘जहॉं हो वहीं से आरंभ करो, हाथ में जो भी है, उसी का उपयोग करो| लगातार निर्मिति करने […]

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काशी भाग-२

काशी भाग-२

काशी नगरी जितनी प्राचीन है, उसका इतिहास भी उतना ही प्राचीन है| इस नगरी का इतिहास उसके अस्तित्व के साथ ही शुरू होता है और हजारों वर्षों के प्रवास की झॉंकी दिखलाता है| वेदकाल से ही इस नगरी का अस्तित्व था, क्योंकि अथर्ववेद में काशी नगरी बसानेवाले काशी या काश्य नामक लोगों का उल्लेख किया […]

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नेताजी – १५

नेताजी – १५

सन १९१९ के मार्च महीने में सुभाष ने बी.ए. की परीक्षा दी। कॉलेज के इस आख़री साल में अपनी क़ाबिलियत को साबित करने के लिए उसने सच्चे दिल से मेहनत की थी। उसकी कुछ भी ग़लती न होने के बावजूद भी प्रेसिडेन्सी कॉलेज में से अपमानित होकर निकाल बाहर कर दिये जाने की चुभन भी […]

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त्वचा – रचना एवं कार्य भाग ५

त्वचा – रचना एवं कार्य भाग ५

त्वचा हमारे शरीर का एक अविभाज्य अंग है। शरीर की विभिन्न कोशिकासमूह, अवयव सभी पर एक समान आवरण देनेवाली होती है त्वचा। यह त्वचा हमारे शरीर को एक निश्चित आकार देती है| यह त्वचा हमारे शरीर को एक प्रकार की सुन्दरता प्रदान करती है। यह त्वचा हमें एक व्यक्तित्व प्रदान करती है। हमारी त्वचा ही […]

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तिरुअनन्तपुरम् (भाग – १)

तिरुअनन्तपुरम् (भाग – १)

भारतवर्ष में तीन प्रमुख मौसम हैं – गर्मी, बारिश और जाड़े का मौसम। भारतवर्ष यह कृषिप्रधान देश होने के कारण बारिश तो हमारे लिए जीवन ही है। ते़ज गर्मी के मौसम के बाद मई के अन्त में एवं जून के प्रारम्भ में हम ‘केरल में मान्सून का आगमन हुआ है’ इस ख़बर की बड़ी उत्सुकतापूर्वक […]

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श्रवण-इन्द्रिय का कार्य – भाग २

श्रवण-इन्द्रिय का कार्य  – भाग २

श्रवण-इन्द्रिय का कार्य कैसे चलता है, यह आज हम देखेंगे। जो हम सुनते हैं उसे आवाज अथवा ध्वनि कहा जाता है। भौतिकशास्त्र के अनुसार ध्वनि यह स्पंदन अथवा लहरें (साऊंड व्हेव) होती हैं। ये स्पंदन अथवा लहरें हमें आंखों से दिखायी नहीं देती। प्रत्येक लहर की एक विशिष्ट लंबाई होती है एवं तीव्रता होती है। […]

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डॉ. नॉर्मन बोरलॉग

डॉ. नॉर्मन बोरलॉग

मानव को खेती का ज्ञान हुआ, यह एक महत्वपूर्ण खोज थी। इन्सान और अन्य प्राणियों में भिन्नता दिखानेवाली यह एक महत्वपूर्ण खोज साबित हुई। संपूर्ण मानवसमाज को जिन्दा रखनेवाले खेती जैसे उत्पादक क्षेत्र के आवाहनों का स्वीकार कर, कल्याणकारी संशोधन करनेवाले नॉर्मन बोरलॉग निश्‍चित रूप से बीसवीं सदी के एक विख्यात वैज्ञानिक माने जाते हैं। […]

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नेताजी-७

नेताजी-७

सुभाष मॅट्रिक की परीक्षा में दूसरे नंबर से पास हुआ, इस बात पर किसी को यक़ीन ही नहीं हो रहा था; क्योंकि मॅट्रिक की परीक्षा के पहले पिताजी के बार बार समझाने के बावजूद भी सुभाष (नेताजी) के देर रात तक घर के बाहर रहने में कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा था। दरअसल उसका स्वभाव ही […]

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सरकारी नौकरी का खजाना

सरकारी नौकरी का खजाना

नौकरी की तलाश में रहनेवाला लगभग हर एक भारतीय एक सुरक्षित एवं शाश्‍वत नौकरी (जॉब सिक्युरिटी रहनेवाली) प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक प्राधान्य देता है। आज कल आय.टी., आय.टी.ई.एस. एवं अन्य नये उद्योग क्षेत्रों की नौकरियों का बोलबाला है। वैसे भी अभी-अभी जागतिक आर्थिक मंदी के जबरदस्त झटके का अंदाजा इन क्षेत्रों को एवं […]

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