इस्रो द्वारा ‘स्क्रॅमजेट’ का यशस्वी परीक्षण

बेंगलूरू, दि. २८ (वृत्तसंस्था) – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इस्रो) ने रविवार को भारतीय बनावट के ‘स्क्रॅमजेट’ इंजन का सफल परीक्षण किया| इस परीक्षण से भारत अमरीका, रशिया और युरोपीय महासंघ की श्रेणि में जाकर बैठ गया है| उपग्रह अंतरिक्ष प्रक्षेपण का खर्च कम करने के लिए इस्रो ने शुरू किए कार्यक्रम को, ‘स्क्रॅमजेट’ की सफलता से और भी बल प्राप्त हुआ है|

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन‘स्क्रॅमजेट’ इंजिन का पूरा ढांचा इस्रो ने बनाया है| इस इंजन का निर्माण तिरुवनंथपुरम के विक्रम साराभाई केंद्र में किया गया है| इस इंजन में हायड्रोजन गैस का, इंधन के तौर पर इस्तेमाल किया गया है| उपग्रह प्रक्षेपण पर का खर्चा कम करने के लिए इस्रो ने विशेष कार्यक्रम हाथ में लिया है| ‘स्क्रॅमजेट’ यह इसका ही महत्त्वपूर्ण भाग माना जाता है| इस्रो के ‘रियुजेबल लॉन्च व्हेईकल’ के लिए (आरएलव्ही) इस प्रकार के इंजन की ज़रूरत थी| ‘स्क्रॅमजेट’ की सफलता से इस्रो का यह कार्यक्रम और भी आगे निकल गया है|

रविवार की सुबह लगभग छह बजे किए गये इस परीक्षण में ‘आरएच-५६०’ इस रॉकेट प्रक्षेपक में ‘स्क्रॅमजेट’ इंजन का इस्तेमाल किया गया था| इस इंजन का परीक्षण पूरी तरह से सफल हुआ होने की घोषणा इस्रो द्वारा की गई| अब तक ‘स्क्रॅमजेट’ इंजन की तकनीक़ केवल अमरीका, रशिया और युरोपीय महासंघ की अंतरीक्ष संस्थाओं के पास था| ‘स्क्रॅमजेट’ की सफलता के बाद भारत इन देशों की श्रेणि में जाकर बैठा है और इस उपग्रह प्रक्षेपण व्यवसाय में भारत का स्थान और भी मज़बूत हुआ है|

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