बलुचिस्तान मसले पर पाक़िस्तान की घबराहट

इस्लामाबाद, दि. २८ (वृत्तसंस्था) – पाक़िस्तानी संसद के क़रीबन २२ सदस्यों को दुनिया के प्रमुख देशों में भेजकर, कश्मीर मसला प्रस्तुत करने का फ़ैसला प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ ने किया है| इसके साथ ही, बलुचिस्तान की विधानसभा में भारतीय प्रधानमंत्री के खिलाफ़ निषेध का प्रस्ताव मंज़ूर किया गया है| ‘भारतीय प्रधानमंत्री ने ‘पीओके’ और ‘बलुचिस्तान’ का मसला उठाकर, ‘कश्मीर’ मसले पर से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश की है| लेकिन इस कोशिश को पाक़िस्तान सफल होने नहीं देगा’ ऐसे वक्तव्य पाक़िस्तान द्वारा किये जा रहे हैं| लेकिन प्रत्यक्ष में भारत की आक्रामक रणनीति से पाक़िस्तान डर गया है, ऐसा दिखने लगा है|

बलुचिस्तानजर्मनी के लिपझिग् शहर में रहनेवाली बलुची जनता ने, पाक़िस्तान के खिलाफ़ आंदोलन करके भारत का तिरंगा लहराया| बलुचिस्तान की जनता पर हो रहे अत्याचारों को दुनिया के सामने लानेवाले भारतीय प्रधानमंत्री का इन आंदोलनकर्ताओं ने शुक्रिया अदा किया और उनका जयघोष किया| साथ ही, भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा यह मसला उपस्थित किया जाने के बाद, पाक़िस्तानी एजन्सियों ने बलुचिस्तान में कहर बरसाया होने का आरोप दुनियाभर के बलुची नेता कर रहे हैं| अमरीका से बात करते हुए बलुची नेते ब्राह्मदाग बुग्ती ने, पाक़िस्तान द्वारा अत्याचारों की त्सुनामी ही बलुचिस्तान में लायी गयी, ऐसा आरोप किया|

इसीलिए पाक़िस्तान के इन अत्याचारों के खिलाफ़ भारत और आंतर्राष्ट्रीय समुदाय बलुच राष्ट्रवादियों की मदद करें, ऐसी माँग बुग्ती ने की है| भारतीय प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करनेवाले बलुची नेताओं तथा कार्यकर्ताओं का गिरफ़्तारीसत्र पाक़िस्तान ने शुरू किया है| साथ ही, बलुची नेता स्वदेश लौटें और सरकार के साथ चर्चा करें, ऐसा आवाहन पाक़िस्तान की तरफ़ से किया जा रहा है| अब तक ‘गद्दार’ इसी शब्द से संबोधित किये जानेवाले बलुच नेताओं को, अब पाक़िस्तान की समाचारवाहिनियों पर समय दिया जा रहा है| यह सब, बलुचिस्तान के बारे में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किये गये वक्तव्य के बाद शुरू हो गया है| इस वजह से पाक़िस्तान की असुरक्षितता दुनिया के सामने आयी है|

बलुचिस्तान की जनता को पाक़िस्तान के साथ रहना नहीं है, ऐसा कहकर ब्राह्मदाग बुग्ती ने, बलुचिस्तान में इस विषय पर जनमतसंग्रह लेना चाहिए, ऐसा आवाहन संयुक्त राष्ट्रसंघ को किया है| साथ ही, भारत बांग्लादेश जैसे ही बलुचिस्तान को भी आज़ाद करें, ऐसी विनति बुग्ती के साथ साथ अन्य बलुच नेता भी करने लगे हैं| लेकिन फिलहाल भारत ने, बलुचिस्तान में होनेवाले मानवाधिकारहनन पर ऐतराज़ जताने तक ही अपनी भूमिका सीमित रखी है| यह भूमिका घोषित की जाने पर ही पाक़िस्तान के हालात बिघड़ गये हैं| आनेवाले समय में क्या बलुचिस्तान दूसरा बांग्लादेश बनेगा, ऐसी चर्चा पाक़िस्तान में अभी से शुरू हो गयी है|

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