भारत-जापान रक्षासहयोग चीन के खिलाफ़ होने का चीन के विदेशमंत्रालय का आरोप

नई दिल्ली/बीजिंग, दि. १३ (वृत्तसंस्था) – ‘जापान भारत को सस्ते दाम में निगरानी करनेवाले विमानों की आपूर्ति कर रहा है| यह खबर यदि सच है, तो दोनो देशों के बीच का यह रक्षासहयोग शर्मनाक़ बात है| चीन पर दबाव बढ़ाने के लिये ही जापान भारत के साथ रक्षासहयोग बढ़ा रहा है,’ ऐसा आरोप चीन के विदेश मंत्रालय ने किया| भारत और जापान के बीच के रक्षासहयोग की, चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा की गई यह आलोचना जानकारों का ध्यान बटौर रही है|

amphibianजापान ने अपनी रक्षासंबंधित नीति में आक्रामक बदलाव किये हैं| दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद रक्षासामग्री के निर्माण तथा निर्यात पर स्वयं पर अपने आप ही पाबंदी लगानेवाले जापान ने, हाल ही में अपनी नीति में पूरी तरह से बदलाव लाने की तैयारी की है| जापान की इस बदलती नीति का लाभ उठानेवाला, भारत यह पहिला देश बना है| भारत ने जापान से ‘शिनमायव यूएस २’ ये ऍम्फिबियस विमान ख़रीदने की तैयारी की थी| इस संदर्भ के व्यवहार के कारण, दोनो देशों के बीच सामरिक सहयोग और भी व्यापक बन रहा है, ऐसे संकेत मिले थे| लेकिन कई वजहों से इस व्यवहार को बार बार स्थगिति मिल रही थी।

भारत बातचीत के ज़रिये, जापान से खरीदनेवाले इस विमान की क़ीमत कम करने की कोशिशें कर रहा था| इसके साथ ही, इस विमान का तंत्रज्ञान भी जापान भारत को हस्तांतरित करें, ऐसी माँग भी भारत ने की थी| उस समय भारत की इन माँगों को ठुकरानेवाले जापान ने, अब भारत की ये माँगें पूरी करने के संकेत दिये हैं| ‘भारत के साथ के रक्षाव्यवहार से ‘आर्थिक लाभ’ यह जापान का उद्देश्य नहीं है, बल्कि जापान के लिए, भारत के साथ का सहयोग अहमियत रखता है’, ऐसा दावा जापान के रक्षाविभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने किया था| इस वजह से, १.६ अरब डॉलर्स के १२ ’शिनमायवा यूएस-२ ऍम्फिबियस’ विमानों का यह समझौता पूरा होने की उम्मीद निर्माण हुई है|

chinभारत और जापान के बीच का यह समझौता चीन के खिलाफ़ है, ऐसा दावा चीन ने किया होकर, चीन के विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इस समझौते की कड़ी आलोचना की है| भारत और जापान में विकसित हो रहा यह रक्षासहयोग यदि आम तौर पर है, तो इसपर ऐतराज़ जताने की चीन को कोई ज़रूरत नहीं है| लेकिन ‘साऊथ चायना सी’ के मुद्दे को लेकर चीन पर दबाव बढ़ाने के लिए यदि जापान भारत को ये विमान दे रहा है, तो इस सहयोग के हेतुओं पर शक़ किया जा सकता है, ऐसा चुनयिंग ने कहा है|

भारत और जापान के बीच का सामरिक सहयोग चीन के खिलाफ़ है, ऐसा आरोप इससे पहले भी चीन ने किया है| भारत का अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ का सहयोग यानी चीन को घेरने के षड्यंत्रो का एक भाग है, ऐसा आरोप चीन की सरकारी मीडिया ने इससे पहले भी किया है| लेकिन अधिकृत स्तर पर, इसपर कड़ी प्रतिक्रिया देना चीन ने अब तक टाला था| लेकिन भारत और जापान के बीच के इस समझौते पर कड़ी प्रतिक्रिया देकर चीन, आनेवाले समय में अपनी नीति और आक्रामक होगी, ऐसे संकेत दे रहा है|

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