गोवा में ‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’ की बैठक शुरू

बाणावली – गोवा में ‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’ (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक शुरू हुई है। भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस बैठक के दौरान रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह एवं चीन के विदेश मंत्री क्विन गैन्ग से द्विपक्षीय चर्चा की। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री से दोनों देशों के बीच के लंबित मुद्दे, सीमा पर शांति और सद्बाव स्थापित करने पक गहरी चर्चा हुई, ऐसा सूचक बयान विदेश मंत्री जयशंकर ने किया। इतने में यह खबर प्राप्त हो रही है कि, चीन के विदेश मंत्री ‘एससीओ’ की बैठक के बाद पाकिस्तान का दौरा करके भारत के प्रति असंतोष दर्शाएंगे। 

‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह से हुई चर्चा में द्विपक्षीय, अंतरराष्ट्रीय और बहुपक्षीय सहयोग का जायजा लिया गया, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा। भारत को ‘एससीओ’ की सदस्यता प्राप्त दिलाने के लिए रशिया ने किए कोशिशों की विदेश मंत्री जयशंकर ने आभार जताया। इसके साथ ‘एससीओ’ के ‘काउन्सिल ऑफ फॉरिन मिस्टर झैंग मिंग’ से भी हमारी सफल चर्चा हुई, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने घोषित किया। साथ ही उज़बेकिस्तान के विदेश मंत्री बख्तियार सैदोव के साथ ही विदेश मंत्री जय शंकर ने द्विपक्षीय चर्चा की।

‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’इस बीच, वर्णित बैठक के लिए भारत पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-झरदारी से जयशंकर की द्विपक्षीय चर्चा नहीं हुई। भारत-पाकिस्ातन विदेश मंत्रियों की शुक्रवार को भी चर्चा होने की उम्मीद नहीं है। भारत ने पहले ही इस संभावना को खत्म किया था। पाकिस्तान ने अभी तक आतंकवाद का त्याग नहीं किया है, इस वजह से इस देश से चर्चा मुमकीन नहीं हैं, यह विदेश मंत्री जयशंकर ने घोषित किया था। इसपर पाकिस्तान के कुछ विश्लेषकों ने नाराज़गी व्यक्त की थी। दोनों देशों की चर्चा शुरू करने के लिए यह अच्छा अवसर था। लेकिन, भारत ने इससे इन्कार किया है। इस वजह से दोनों देशों के ताल्लुकात आगे भी तनाव से भरे ही रहेंगे, ऐसा अफसोस पाकिस्तान के विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं। इसी बीच कुछ लोगों ने भारत ने अपनाए इस सक्त रवैये के लिए पाकिस्तान के नेता ही ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया है

कुछ हफ्ते पहले, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत के नेतृत्व पर आपत्तिजनक आलोचना की थी। इसपर भारत में तीव्र प्रतिक्रियाएं दर्ज़ हुई थी। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान से चर्चा करने का निर्णय भारत ने करना मुमकीन ही नहीं था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को राजनीतिक समझ और अनुभव ना होने से ही उन्होंने ऐसी आलोचना करके भारत से चर्चा करने की संभावना खत्म कर दी, ऐसा पाकिस्तानी माध्यम कह रहे हैं।

चीन के विदेश मंत्री क्विन गैन्ग के साथ भारत के विदेश मंत्री ने चर्चा की है, फिर भी ‘एलएसी’ पर जारी तनाव का मुद्दा भारत ने छोड़ा नहीं हैं, इस बात का अहसास भी विदेश मंत्री जयशंकर ने कराया है। सोशल मीडिया पर जयशंकर ने इस चर्चा की साझा की हुई जानकारी यही बयान कर रही है। इसी वजह से चीन के विदेश मंत्री ने ‘एससीओ’ की इस बैठक के बाद पाकिस्तान का दौरा करना तय किया है। पाकिस्तान के माध्यमों ने ही यह दावे किए हैं। इसके ज़रिये चीन अपना असंतोष व्यक्त करता दिख रहा है। लेकिन, भारत से इसपर अभी प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है।

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