आतंकवाद को अधिकृत बनाने की पाकिस्तान की कोशिश बर्दाश्त नहीं करेंगे – भारतीय विदेश मंत्री की फटकार

बाणवली – शुक्रवार को आयोजित ‘एससीओ’ की बैठक में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाने के बाद बेचैन हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इसपर नाराज़गी व्यक्त की। आतंकवाद के मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक चुनौती और हथियार की तरह इस्तेमाल ना किया जाए, यह उम्मीद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने व्यक्त की। साथ ही पाकिस्तान यह आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार होने का बयान करके बिलावल भुट्टो ने सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश की। लेकिन, आतंकवाद का शिकार हुए देश आतंकवादियों से चर्चा नहीं करते, ऐसा करारा जवाब भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने दिया। साथ ही आतंकवाद का हथियार की तरह इस्तेमाल ना करने का आवाहन कर रहें, आतंकवाद को बर्दाश्त करें, यह मांग कर कर के इसे अधिकृत करार देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, भारत ऐसा होने नहीं देगा, ऐसी फटकार जयशंकर ने लगाई। 

आतंकवादियों के विरोध में सख्त कार्रवाई करने की मांग करके आतंकवादियों के आर्थिक स्रोत खंड़ित करें, ऐसी गुहार विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने एससीओ की बैठक में लगाई। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक चुनौती के लिए एवं दूसरे के विरोध में राजनीतिक हथियार की तरह ना हो, ऐसी उम्मीद व्यक्त की। हमारा देश आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार होने का बयान भी भुट्टो ने किया। साथ ही कश्मीर को विशेष दर्जा बहाल करने वाली धारा ३७० भारत ने हटाई है, इसका ज़िक्र भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने किया। इस बैठक में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का इस तरह से ज़िक्र हने की कड़ी संभावना काफी लोगों ने जताई थी। लेकिन, भारत के विदेश मंत्री ने इसपर मुंहतोड़ जवाब दिया।

धारा ३७० इतिहास बनी हैं, पाकिस्तान ने अब घोर निद्रा से उठने का समय बना हैं। कश्मीर से पाकिस्तान का कभी भी संबंध नहीं था और आगे भी नहीं होगा। कश्मीर का मुद्दा अब अवैध कब्ज़ा किए कश्मीर को पाकिस्तान कब छोड़ता हैं, इसी तक सीमित रहा हैं, ऐसी फटकार जयशंकर ने लगाई। ‘आतंकवाद के मुद्दे मुद्दे को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल ना हो, यह मांग करने वाले आतंकवादी कार्रवाईयां शुरू रही तो भी इसका असर संबंधों पर ना हो, यह कहकर आतंकवाद को अधिकृत करार देने की सिफारिश कर रहे हैं, इसका अहसास भारतीय विदेश मंत्री ने कराया। इस तरह से आतंकवाद यह आम बात होने का दिखावा निर्माण करने के पीछे कोई खास मानसिकता हैं, इसपर ध्यान आकर्षित करके जयशंकर ने आतंकवाद ही पाकिस्तान की मूल प्रवृत्ति होने की बात पर ध्यान आकर्षित किया। साथ ही भारत इसे कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा, यह कहकर जयशंकर ने दोनों देशों के बीच करीबी दिनों में चर्चा मुमकिन न होने का संदेश पुरी दुनिया को दिया।

‘एससीओ’ की बैठक में पाकिस्तान से द्विपक्षीय चर्चा मुमकिन ना होने का ऐलान विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले ही किया था। ऐसा करके भारत ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है। इसी वजह से विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो इस बैठक के लिए भारत ना जाए, ऐसी मांग पाकिस्तान में कुछ लोग कर रहे थे। भारतीय विदेश मंत्री इस बैठक को अवसर बनाकर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रति सख्त रवैया दिखाएंगे और अपमान करेंगे, ऐसी चिंता पाकिस्तानी विश्लेषक व्यक्त कर रहे थे। उनका ड़र वास्तव में उतरने की बात शुक्रवार को ‘एससीओ’ बैठक के बाद स्पष्ट हुई। 

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