५० अरब युआन का मौद्रिक समझौता करके सौदी और चीन का अमरिकी डॉलर को झटका – सौदी के सेंट्रल बैंक ने किया समझौते का ऐलान

रियाध/बीजिंग – सौदी अरब ने चीन के साथ ५० अरब युआन के मौद्रिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ‘सेंट्रल बैंक ऑफ सौदी अरब’ और ‘पीपल्स बैंक ऑफ चाइना’ इन दो सेंट्रल बैंक के बीच यह समझौता होने की जानकारी सुत्रों ने प्रदान की। इस वर्ष के शुरू में सौदी अरब ने ईंधन व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर के अलावा अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल करने के संकेत दिए थे। वहीं, जून महीने में आयोजित ‘अरब-चाइना बिजनेस कान्फरन्स’ में १० अरब डॉलर के समझौते किए गए थे।

५० अरब युआन का मौद्रिक समझौता करके सौदी और चीन का अमरिकी डॉलर को झटका - सौदी के सेंट्रल बैंक ने किया समझौते का ऐलानसौदी अरब विश्व का सबसे बड़ा ईंधन निर्यातक देश है। वहीं, चीन विश्व का सबसे बड़ा ईंधन आयातक देश कहा जाता है। वर्ष २०२२ में चीन ने अकेले ही सौदी अरब से ६५ अरब डॉलर के ईंधन की आयात की थी। सौदी से चीन को हो रहे कुल निर्यात में ईंधन का हिस्सा ८० प्रतिशत से अधिक है।

पिछले वर्ष चीन ने राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने खाड़ी देशों का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने आगे के समय में रब देशों के साथ युआन के माध्यम से ईंधन कारोबार करने के संकेत दिए थए। ५० अरब युआन का मौद्रिक समझौता करके सौदी और चीन का अमरिकी डॉलर को झटका - सौदी के सेंट्रल बैंक ने किया समझौते का ऐलान‘चीन खाड़ी के देशों से आगे भी भारी मात्रा में तेल की आयात जारी रखेगा। नैसर्गिक ईंधन वायू का व्यापार भी बढ़ाया जाएगा। इस कारोबार के लिए चीन शांघाय पेट्रोलियम ॲण्ड नैशनल गैस एक्सेंज को बतौर व्यासपीठ इस्तेमाल करेगा। इस माध्यम से होने वाले तेल और ईंधन वायु के कारोबार के लिए युआन का इस्तेमाल होगा’, ऐसा जिनपिंग ने कहा था।

पिछले दो सालों से चीन ने सौदी अरब के साथ खाड़ी देशों में अपना निवेश बढ़ाया हैं। वर्ष २०२२ में चीन ने सौदी के साथ ३० अरब डॉलर के ३५ समझौते किए थे। सौदी में चीन कर रहे निवेश की ओर अमेरिका के बायडेन प्रशासन ने अनदेखा किया था। उसी दौरान अमेरिका और सौदी के संबंधों में तीव्र मतभेद निर्माण हुए थे। इसके पीछे येमन में हुई सैन्य कार्रवा, पत्रकार जमाल खशोगी हत्या का मामला, ईरान के परमाणु कार्यक्रम जैसे मुद्दे ज़िम्मेदार बने थे।

अमेरिका और सौदी के मतभेद का लाभ चीन ने उठाया और सौदी के साथ अरब खाड़ी देशों के साथ संबंध मज़बूत दिए हैं। ५० अरब युआन का मौद्रिक समझौता करके सौदी और चीन का अमरिकी डॉलर को झटका - सौदी के सेंट्रल बैंक ने किया समझौते का ऐलानबायडेन प्रशासन की गलतियों की वहज से अमेरिका ने खाड़ी के मित्रदेशों का विश्वास खो दिया है, ऐसी आलोचना भी अमेरिका में हो रही हैं। दो देशों में किया गया यह मुद्रा समझौता तीन साल के लिए हैं और इशमें चीन के युआन और सौदी अरब के रियाल का समावेश है।

पिछले कुछ सालों में चीन ने युआन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरक्षित मुद्रा बनाने की जमकर कोशिश करना शुरू किया है। युआन का हिस्सा बढ़ाने के लिए चीन ने लगभग ४० देशों के साथ मौद्रिक समझौते किए हैं। चीन के युआन ने अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में आरक्षित मुद्रा में फिलहाल पांचवा स्थान हासिल किया है। व्यापारी कारोबार में तीसरे क्रमांक की मुद्रा बने युआन ने विदेशी कारोबार में सात प्रतिशत हिस्सा प्राप्त करने की जानकारी भी सामने आयी थी।

English

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.