सौदी अरब के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों से चीन को प्रति दिन करीबन १० करोड डॉलर्स का नुकसान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग – शनिवार के दिन सौदी अरब के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों के बाद ईंधन उत्पाद में प्रति दिन ५७ लाख बैरल्स की कमी हुई है| इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने की शुरूआत हुई है| ऐसे में सौदी के ईंधन का सबसे बडा आयातदार होनेवाले चीन को हररोज करीबन १० करोड डॉलर्सका नुकसान होने की जानकारी सामने आयी है| सौदी के वरिष्ठ नेता और  अधिकारियों ने अगले दो हफ्तों में ईंधन सप्लाई सामान्य होने का भरौसा दिलाया है, फिर भी ईंधन सप्लाई सामान्य होने के लिए और भी समय लगने की संभावना विश्‍लेषक और विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे है|

दुनिया में सबसे अधिक ईंधन की आयात चीन करता है| अगस्त महीने की जानकारी के अनुसार फिलहाल चीन हररोज ९८.५ लाख बैरल्स ईंधन आयात कर रहा है| वर्ष २०१८ की तुलना में चीन के ईंधन की मांग करीबन १० प्रतिशत बढ चुकी है| चीन के इस आयात में सौदी अरब से हो रहे आयात का हिस्सा लगभग २० प्रतिशत है|

वर्तमान के आंकडों के अनुसार चीन ने जुलाई महीने में सौदी अरब से हरदिन करीबन १८ लाख बैरल्स ईंधन की आयात की थी| सौदी अरब से प्रतिदिन करीबन ७३ लाख ईंधन की निर्यात होती है| इस निर्यात का विचार करें तो, इसमें चीन का हिस्सा करीबन २५ प्रतिशत है| सौदी अरब ने एशियाई देशों को निर्यात होनेवाले ईंधन पर कुछ भी असर नही होगा, यह बात कही| फिर भी कुछ समय के लिए पूर्री क्षमता से ईंधन की सप्लाई नही होगी, यह संकेत भी दिए गए है|

इसी बीच सौदी के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों के बाद ईंधन के दामों में लगभग १० प्रतिशत उछाल देखा गया है| सौदी से चीन विशेष दर में ईंधन की आयात कर रहा है और इस वजह से उसे अन्य देशों की तुलना में ज्यादा पैसे देने पड रहे है| इस वजह से सौदी से ईंधन खरीद ने के लिए चीन को ज्यादा रकम देनी पड रही है| ईंधन सप्लाई पर हुआ असर और बढते दामों की वजह से चीन को हररोज करीबन १० करोड डॉलर्स का झटका लगने की खबर प्रसारमाध्यमों ने दी है| सौदी से ईंधन की सप्लाई सामान्य होने तक नुकसानी की यह आंकडे बढने की भी संभावना होने की बात कही जा रही है|

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