रशियन ईंधन की आयात पर पाबंदी लगाई, तो भयानक परिणाम होंगे – रशिया के उप प्रधानमंत्री की चेतावनी

ईंधन की आयात मॉस्को – ‘रशिया का ईंधन लेने से इन्कार किया, तो अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट पर उसके भयानक परिणाम हो सकते हैं। ईंधन की दरें अनपेक्षित रूप में भड़क सकती हैं। कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल 300 डॉलर्स तक भड़क सकते हैं’, ऐसी कड़ी चेतावनी रशिया के उप प्रधानमंत्री अलेक्झांडर नोवाक ने दी है। रशिया युरोप में जानेवाली ईंधनवाहिनी बंद कर सकता है, ऐसे संकेत भी रशियन सूत्रों द्वारा दिए गए हैं।

अमरीका और युरोपीय देशों के बीच पिछले कुछ दिनों से रशियन ईंधन पर पाबंदी लगाने के बारे में चर्चा जारी थी। रशियन ईंधन पर पाबंदी लगाई, तो रशिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा और रशिया को मजबूरन युद्ध रोकना पड़ेगा, ऐसे दावे किए जा रहे थे। लेकिन युरोपीय देश इसके लिए तैयार ना होने की बात सामने आई थी।

ईंधन की आयात युरोप के लिए आवश्यक ईंधन में से एक-तिहाई इंधन सप्लाई रशिया द्वारा की जाती है। फिलहाल युरोप में ईंधन वायु की किल्लत महसूस हो रही है। युक्रेन में जारी युद्ध के कारण ईंधन वायु की दरें भड़की होकर, प्रति हज़ार क्युबिक मीटर इंधन वायु की दरें फिलहाल दो हज़ार डॉलर्स पर पहुँची है। पहले के दौर में यह दर हज़ार डॉलर्स के आसपास थी। दोगुनी हुई यह दरवृद्धि युरोपीय देशों पर तनाव बढ़ानेवाली साबित होती है। ऐसी परिस्थिति में, रशिया द्वारा निर्यात की जा रही इंधन वायु पर प्रतिबंध लगाने की हिम्मत युरोपीय देश नहीं कर सकते।

ईंधन के लिए युरोपीय देशों की रशिया पर होनेवाली निर्भरता अमरीका दूर नहीं कर सकती। अमरीका और युरोपीय देशों ने अगर इसके लिए अभी से इमरजेंसी प्रयास करने का तय किया, तो भी यह संभव नहीं है। क्योंकि फिलहाल यदि रशिया से ईंधन वायु प्राप्त नहीं हुई, तो युरोपीय देशों की हालत बहुत ही खराब होगी। रशिया छोड़कर दूसरे देश से ईंधन की आयात करना युरोपीय देशों के लिए संभव नहीं है।

रशिया की पाइपलाईन द्वारा सप्लाई की जा रही इंधन वायु की तुलना में, जहाज़ से सप्लाई की जानेवाली ईंधन की राशि के लिए और सप्लाई के लिए युरोप को 70 अरब युरो इतना खर्च करना पड़ेगा। युरोप के पास इतनी क्षमता नहीं है, इस बात पर विश्लेषक गौर फरमा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर रशियन उप प्रधानमंत्री ने दी चेतावनी गौरतलब साबित होती है।

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