रशिया के सहयोग की वजह से ईरान ऊर्जा केंद्र बनेगा – ईरान के ईंधन मंत्री का दावा

मास्को/तेहरान – ईंधन और ईंधन वायु के आदान-प्रदान पर रशिया और ईरान की सहमति हुई है। इस साल के अन्त तक रशिया और ईरान में यह सहयोग स्थापित होगा। रशिया के इस सहयोग की वजह से ईरान इस क्षेत्र का ऊर्जा केंद्र बन सकता है, यह ऐलान ईरान के ईंधन मंत्री जावेद ओवजी ने किया। सौदी अरब प्रायोजित ईंधन उत्पादक देशों की ‘ओपेक प्लस’ संगठन ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने का निर्णय किया है। इस वजह से अमरीका के सामने चुनौतियाँ बढ़ रही हैं और इसी बीच रशिया-ईरान में यह सहयोग ध्यान आकर्षित कर रहा है।

ऊर्जा केंद्ररशिया के मास्को में ‘कैस्पियन इकॉनॉमिक फोरम’ की बैठक हो रही है। इस अवसर पर ईरान के ईंधनमंत्री जावेद ओवजी और रशिया के उप-प्रधानमंत्री ऐलेक्ज़ैंडर नोवैक में द्वीपक्षीय चर्चा हुई। इससे पहले रशिया और ईरान के ईंधन सहयोग का मुद्दा इस बैठक में रखा गया था। साथ ही ईंधन और नैसर्गिक ईंधन वायु के आदान-प्रदान पर भी इस बैठक में चर्चा हुई।

रशिया और ईरान दोनों ईंधन वायु के बड़े निर्यातक हैं। आनेवाले दिनों में दोनों देशों में ईंधनवायु का आदान-प्रदान अहम साबित होगा, यह दावा ईरान के ईंधनमंत्री ने किया। बल्कि इस सहयोग के पहले चरण में हर वर्ष ५० लाख टन ईंधन और दस अरब क्युबिकमीटर ईंधन वायु का आदान-प्रदान होगा, यह जानकारी रशिया के उप-प्रधानमंत्री नोवैक ने साझा की। ईंधन और ईंधन वायु की यातायात, इसके भंड़ारण पर भी चर्चा होगी, ऐसा नोवैक ने कहा।

ईरान के उत्तरी ओर से रेल और बाद में कैस्पियन समुद्र और पाईपलाईन के जरिये इसकी आपूर्ति होगी। रशिया की सरकारी ईंधन कंपनी ‘गाज़प्रोम’ और ईरान की ‘नैशनल ईरानीयन ऑईल कंपनी’ के बीच यह समझौता हुआ था। इस वजह से जल्द ही यह सहयोग शुरू होगा और साल के अन्त तक यह पूरा हो जाएगा, यह दावा ईरान कर रहा है। यह ४० अरब डॉलर्स का समझौता होने का दावा ईरान के माध्यमों ने किया था। इसके बाद भी ईरान रशिया के साथ ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित और कुछ समझौते करेगा।

इसी बीच, कुछ घंटे पहले ‘ओपेक प्लस’ गुट ने कच्चे तेल का उत्पादन प्रतिदिन २० लाख बैरल्स घटाने का निर्णय किया है। यह निर्णय रशिया की बड़ी राजनीतिक जीत होने का दावा किया जा रहा है। ईंधन उत्पादक देशों का निर्णय अदूरदर्शीता का है और उन्होंने रशिया के हित सुरक्षित रखने की भूमिका अपनाई है, यह आरोप अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने लगाया था। इसी बीच रशिया ने ईरान के साथ किया हुआ ऊर्जा सहयोग पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ा सकता है।

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