रशियन गुप्तचर यंत्रणा यूरोप में अस्थिरता एवं अशांति मचाने की तैयारी में – अमरिकी समाचार पत्र का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरन्यूयॉर्क – ‘युनिट २९१५५’ यह रशियन गुप्तचर यंत्रणा का गुट यूरोप में अस्थिरता एवं अशांति फैला रहा है| पिछले कुछ वर्षों से ‘युनिट २९१५५’ ने यूरोपिय देशों में बडे नेता, अफसरों की हत्या करवाकर इन देशों में अराजकता की स्थिति बनाने के लिए कोशिश जारी रखी है| अमरिका के प्रमुख द न्यूयॉर्क टाईम्स ने इस समाचार पत्र ने यहा दावा किया है| लेकिन, रशियन विश्‍लेषकों ने इस दावे का मजाक उडाया है|

रशियन सेना की गुप्तचर यंत्रणा ‘जीआरयू’ के कुछ गुट खुफिया तरीके से किसी देश में तख्ता पलट, सियासी हत्या करवा रहे है| इनमें ‘युनिट २९१५५’ गुट सक्रिय है| पश्‍चिमी सुरक्षा यंत्रणा के अधिकारी के दाखिले से द न्यूयॉर्क टाईम्स ने यह दावा किया है| मास्को के पूर्वी क्षेत्र में ‘स्पेशल पर्पज स्पेशालिस्ट ट्रेनिंग सेंटर’ के मुख्यालय में ‘युनिक २९११५’ की साजिश बन रही है, यह दावा संबंधित समाचार पत्र ने किया है| ‘युनिट २९११५’ यह ‘जीआरयू’ का अहम गुट होने का दावा भी इस खबर में किया गया है|

यूरोपिय देशों में अस्थिरता और अराजकता निर्माण करके रशिया का प्रभाव होनेवाली सरकार सत्ता पल बिठाना, यही इस गुट का उद्देश्य है| पिछले दशक से ‘युनिट २९११५’ यूरोपिय देशों में सक्रिय है| वर्ष २०१५ से यूरोप की अहम गतिविधियों के लिए यही गुट जिम्मेदार होने का आरोप न्यूयॉर्क टाईम्स ने किया है|

वर्ष २०१५ में बल्गेरिया में हथियारों के बडे व्यापारी एमिलन गेब्रेव्ह पर दो बार जहर का प्रयोग हुआ था| वही, वर्ष २०१६ में मॉंटेनेग्रो के प्रधानमंत्री मिलो दुकानोविच की हत्या की साजिश बनाकर देश में बगावत करवाने की कोशिश भी हुई थी| साथ ही वर्ष २०१८ में इंग्लैंड में रशियन लष्करी गुप्तचर यंत्रणा का भूतपूर्व जासूस सर्जेई स्क्रिपल’ को जहर देकर उसका मुंह बंद करने का कदम उठाया गया था| इन सभी गतिविधियों के लिए युनिट २९११५ जिम्मेदार था, यह दावा पश्‍चिमी सुरक्षा अधिकारीयों ने किया है, ऐसा न्यूयॉर्क टाईम्स ने किया है|

ऐसी सभी हरकतों के पीछे रशियन रक्षा यंत्रणा होने का आरोप इससे पहले भी किया गया था| लेकिन, युनिट २९११५ ने ही यह सभी साजिशें की है, यह जानकारी कुछ पहले ही स्पष्ट हुई थी| रशियन सेना के बडे अधिकारी जनरल आव्हेरयानोव’ इस ‘युनिट २९११५’ का नेतृत्त्व कर रहे है, यह जानकारी वर्णित समाचार पत्र ने दी है|

इसके अलावा रशियन सेना की गुप्तचर यंत्रणा के युनिट ७४४५५ इस गुट पर सायबर युद्ध की जिम्मेदारी दी गई है| वर्ष २०१६ में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान इसी रशियन गुट ने यह हस्तक्षेप करने की बात स्पष्ट हुई थी, यह दावा भी द न्यूयॉर्क टाईम्स ने किया| बल्कि युनिट ९९४५० इस गुट ने वर्ष २०१४ में युक्रेन से क्रिमिआ को अलग किया था, यह भी इस वृत्तपत्र का कहना है|

रशियन सरकार के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव्ह ने अमरिकी समाचार पत्र के दावे ठुकराए है| यह खबर एक काल्पनिक कथा है| यूरोपिय देशों में अस्थिरता और अशांति फैलाकर इससे रशिया को कुछ भी लाभ नही होगा’, यह आलोचना पेस्कोव्ह ने की है| वही अमरिकी समाचार पत्र के इस खबर पर रशिया एवं यूरोप के कुछ विश्‍लेषकों ने आलोचना की है|

न्यूयॉर्क टाईम्स के दावे के अनुसार युनिक २९११५ यह अस्थिरता फैलानेवाला गुट नही है, बल्कि सिर्फ ‘हिट स्क्वॉड’, यानी के हल्ले करनेवाला गिरोह होने की बात दिख रही है, यह मजाक भी ‘रॉयल युनायटेड सर्विसेस इन्स्टिट्युट (रुसी) इस ब्रिटीश अभ्यासगुट के वरिष्ठ विश्‍लेषक मार्क गैलेओटी ने उडाया है| इस गुट का एक भी हमला कामयाब नही हुआ, या संबंधित देश में अराजकता की स्थिति बनने की बात भी नही दिख रही है| इस वजह से न्यूयॉर्क टाईम्से किया यह दावा बिल्कुल झुठ होने की बात साबित हो रही है, इन शब्दों में ब्रिटेन के विश्‍लेषक गैलेओटी ने यह दावे ठुकराए है|

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