यूरोप के ‘ब्लैक सी’ और ‘बाल्टिक’ क्षेत्र में युद्ध करवाने की रशिया की कोशिश – राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की गुप्त योजना होने की नाटो विश्‍लेषकों की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरब्रूसेल्स/मास्को – यूरोप में ब्लैक सी एवं बाल्टिक क्षेत्र में मर्यादित युद्ध शुरू करके वर्चस्व स्थापित करने की गुप्त योजना रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादीमीर पुतिन ने बनाई है, ऐसी चेतावनी नाटो के विश्‍लेषकों ने दी है| कुछ दिनों पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपना देश अधिकृतरूप से ‘इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सस’ (आईएनएफ) करार से वापसी करने की बात घोषित की थी| इस पृष्ठभूमि पर नाटो के विश्‍लेषकों की चेतावनी ध्यान केंद्रित कर रही है|

जर्मनी के भूतपूर्व लष्करी अधिकारी हेनरिच ब्रास एवं किल विद्यापीठ के वरिष्ठ प्राध्यापक जोआकिम क्रॉस ने एक जर्मन दैनिक को दिए जानकारी में रशिया के ‘सीक्रेट वॉर प्लान’ के बारे में चेतावनी दी है| अमरिका, ब्रिटेन जैसे प्रमुख देशों का लक्ष्य अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर उलझा होते समय, यूरोप में अचानक हमलें करके युद्ध शुरू करने की रशियन राष्ट्राध्यक्ष की योजना है| यूरोप की सीमा के पास तथा कैलिनिनग्रैड जैसे अड्डे पर मिसाइल की बढ़ती तैनाती उसी के लिए होने का दावा ब्रास एवं क्रॉस किया है|

 

रशिया अचानक से ब्लैक सी अथवा बाल्टीक क्षेत्र के देश पर हमला करेगी| यह हमला लिमिटेड स्केल सरप्राइस अटैक इस प्रकार का होगा| यह हमला करते हुए परमाणु शस्त्र का उपयोग करने की धमकी भी देगा| पर नाटो से बडा एवं प्रभावी प्रत्युत्तर मिलने से पहले युद्ध रोका जाएगा, ऐसा दावा जर्मन अधिकारी एवं प्राध्यापक ने अपने चेतावनी में किया है| यूरोप में इस युद्ध में एक ही समय पर दो जगहों पर हमलें हो सकते हैं, ऐसा दावा भूतपूर्व लष्करी अधिकारी हेनरिच ब्रास ने किया है|

नाटो के विरोध में बड़ा युद्ध जीतने का अवसर बहुत कम होने का रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को पूर्ण एहसास है| जिसकी वजह से मर्यादित स्वरूप में युद्ध छेड़कर यूरोप में प्रभाव बढ़ाने का उनका प्रयत्न होगा, ऐसी आशंका जर्मन विश्‍लेषकों ने व्यक्त की है| २ महीनों पहले नाटो के प्रमुख जेम्स स्टोल्टनबर्ग ने नाटो ने रशिया की आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए नई लष्करी धारणा बनाने का दावा किया था| इस पृष्ठभूमि पर पुतिन के ‘सीक्रेट वॉर प्लान’ के बारे में किए इस दावे से ध्यान आकर्षित करते है|

कुछ दिनों पहले ही रशिया ने ऐतिहासिक ‘इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सस’ आईएनएफ करार से वापसी की थी| इस वापसी के बाद यूरोप एवं नाटो से संमिश्र प्रतिक्रिया उमड़ रही है| रशिया की इस वापसी के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु शस्त्र की स्पर्धा बढ़ेगी, ऐसा डर यूरोप में व्यक्त किया जा रहा है| तथा नाटो ने इस मुद्दे पर रशिया से बातचीत कायम रखने के संकेत दिए हैं| लेकिन, रशिया ने पिछले कुछ महीनों में इस करार पर आक्रामक भूमिका अपनाई है और उसका सबसे अधिक झटका यूरोपीय देशों को लगेगा, ऐसा लगातार धमकाया है|

यूरोपीय देशों ने अमरीकी मिसाइल अपने देश में तैनात किए तो रशिया से प्रत्युत्तर मिलेगा| यह प्रत्युत्तर बहुत ही गतिमान और परिणाम कारक होगा, ऐसी चेतावनी रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादीमीर पुतिन ने कुछ महीनों पहले दी थी| तथा आईएनएफ से वापसी करनेवाले अमरिका ने रशिया की सीमा के पास मिसाइल तैनात किए तो रशिया भी संपूर्ण यूरोप को लक्ष्य करनेवाले मिसाइल तैनात करेगा, ऐसा अमरिका में रशिया के राजदूत ऐन्टोली ऐन्तोनोव्ह ने सूचित किया है|

पिछले वर्ष अमरिका के प्रमुख अभ्यास गुटने रशिया-यूरोप युद्ध के बारे में चेतावनी देनेवाला रिपोर्ट भी प्रसिद्ध किया था| जिसमें यूरोप में युद्ध भड़केगा तो रशिया को नियंत्रित करना नाटो को संभव नहीं होगा| रशिया आसानी से नाटो की सेना की धज्जियां उड़ाकर बाल्टिक देशों का कब्ज़ा लेगा, इसकी तरफ रैंड कॉरपोरेशन इस अमरीकी अभ्यास गुटने ध्यान केंद्रित किया था|

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