कोरोना के बाद शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी होने का खतरा बढ़ा – वर्ल्ड बैंक की चेतावनी

वॉशिंग्टन – कोरोना की महामारी ने पहुँचाए नुकसान और इसके बाद शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी होने की प्रक्रिया गतिमान होने का इशारा ‘वर्ल्ड बैंक’ की नई रपट में दिया गया है। आर्थिक विकास की गिरावट और महंगाई अगले कुछ समय तक जारी रहने की संभावना का इशारा भी वर्ल्ड बैंक ने अपनी रपट से दिया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी ठप होने का ड़र है और इसका सबसे अधिक नुकसान मध्यम एवं कम आय के देशों को होगा, इस पर वर्ल्ड बैंक ने अपनी रपट में ध्यान आकर्षित किया।

इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी गिरावट के साथ २.९ प्रतिशत तक पहुँचने का अनुमान है। साल २०२१ में यह गति ५.७ प्रतिशत थी। इसके मद्देनज़र अर्थव्यवस्था की बड़ी गिरावट होने का ड़र वर्ल्ड बैंक ने जताया। रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी उथल-पुथल हो रही है और निवेश और व्यापार को बड़ा नुकसान पहुँचा है। कोरोना के दौर में अर्थव्यवस्था को संभालने हेतु लिए गए रणनीतिक निर्णय एवं प्रदान हुई आर्थिक सहायता पीछे ली जा रही है। ऐसे में वैश्विक स्तर पर उत्पादनों की माँग भी कम होती दिख रही है, ऐसा दावा वर्ल्ड बैंक ने अपनी रपट में किया।

कोरोना की महामारी और युद्ध की वजह से विकसनशील देशों में प्रति व्यक्ति आय में भारी गिरावट आ रही है। कोरोना से पहले प्रति व्यक्ति आय की तुलना में इसकी पांच प्रतिशत गिरावट होगी, यह चिंता वर्ल्ड बैंक ने अपनी रपट में जतायी है। ‘यूक्रेन का युद्ध, चीन के लॉकडाऊन्स, वैश्विक सप्लाई चेन में आई बाधाएँ और विकास दर कम होने के खतरे से आर्थिक विकास का लगातार नुकसान हो रहा है। ऐसी स्थिति में विश्व के कई देशों को आर्थिक मंदी से बचना संभव नहीं होगा’, ऐसी चेतावनी वर्ल्ड बैंक ने दी।

‘ग्लोबल इकॉनॉमिक प्रॉस्पेक्टस्‌’ नामक रपट में वर्ल्ड बैंक ने मौजूदा स्थिति की तुलना साल १९७० में विकास दर ठप होने की स्थिति से किया है। विश्व की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं रही अमरीका और चीन का विकास दर आधे प्रतिशत से भी कम होने की संभावना वर्ल्ड बैंक ने जतायी है। अमरीका ने पिछले साल ५.७ प्रतिशत विकास दर प्राप्त किया था। इस साल यह ढ़ाई प्रतिशत तक होगा। ऐसे में चीन ने पिछले साल ८.१ प्रतिशत दर से प्रगति की थी। लेकिन, इस साल यह दर ४.३ प्रतिशत तक गिरेगा, ऐसा वर्ल्ड बैंक ने दर्ज़ किया है।

दो महीने पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर खतरे का इशारा दिया था। ‘यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता अधिक बढ़ी है। इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी पर हो सकता है और यह धीमी होने के आसार है’, ऐसा इशारा मुद्राकोष ने दिया था।

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