रशिया एवं बेलारूस में ‘झॅपड’ युद्धाभ्यास शुरू – अमरीका, नाटो, एवं युरोपीय देशों से तीव्र प्रतिक्रिया

मॉस्को: पाश्चात्य देशों में लगातार तनाव बढ़ रहा है। फिर भी रशिया ने बेलारूस के साथ ‘झॅपड २०१७’ इस महत्वाकांक्षी युद्धाभ्यास का आरंभ किया है। गुरुवार से शुरू हुआ यह अभ्यास बेलारूस, रशिया का युरोप में संरक्षण तल कैलिनिनग्रैड एवं रशिया के दो प्रान्तों में किया जा रहा है। इससे पूर्व रशिया ने ‘झॅपड’ युद्धाभ्यास का उपयोग ‘जॉर्जिया’ तथा ‘यूक्रेन’ पर हमला करने के लिए किया था, यह आरोप अमरीका, नाटो एवं युरोपीय देशों से किया जा रहा है। रशिया पर हुए आरोप उन्होंने झूठलाए हैं और पाश्चात्य देश में झॅपड के मुद्दे पर बिना किसी कारण के उन्माद का वातावरण तैयार किया जा रहा है, यह टीका की है।

गुरुवार १४ सितंबर को रशिया एवं बेलारूस ने संयुक्त रूप से झॅपड २०१७ युद्धाभ्यास शुरू करने की घोषणा की थी। बेलारूस में एक ही समय पर छ जगहों पर तो रशिया में तीन जगहों पर युद्धाभ्यास शुरू होने की जानकारी दोनों देशों ने दी थी। रशिया का युरोप में संरक्षण तल होनेवाले कैलिनिनग्रैड का भी इसमें समावेश था। इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के लगभग १३ हजार सैनिक शामिल हुए हैं। इससे व्यतिरिक्त १० युद्धनौका ७० लड़ाकू विमान एवं हेलीकॉप्टर्स, २५० टैंक, मल्टीपल लांच रॉकेट सिस्टम एवं अत्याधुनिक यंत्रणा का समावेश होने की बात रशिया के रक्षा विभाग ने स्पष्ट की है।

‘झॅपड’ युद्धाभ्यासरशिया से किए जाने वाला यह आठवा ‘झॅपड’ युद्धाभ्यास है। इससे पूर्व रशियन रियासत का उपयोग अपने लष्करी सामर्थ्य दिखाने के लिए तथा ‘जॉर्जिया’ एवं ‘यूक्रेन’ के विरोध में संघर्ष की पूर्व तैयारी की तौर पर किया गया था, यह आरोप पाश्चात्य देशों से किया जा रहा है। सन २०१३ में किए झैपड युद्धाभ्यास के बाद रशियाने पूर्व यूक्रेन में हमला किया था एवं क्रीमिया कब्जे में लिया था। इस बात पर पाश्चात्य देशोंने ध्यान केंद्रित किया है। गुरुवार से शुरू इस युद्धाभ्यास पर अमरीका, नाटो एवं युरोपीय देशों ने तीव्र चिंता व्यक्त की है।

अमरीका के युरोप के लष्कर प्रमुख जनरल बेन हौजेस ने रशिया ‘झॅपड’ का इस्तेमाल ‘ट्रोजन हॉर्स’ के तौर पर करेगा, यह इशारा दिया है। इस युद्धाभ्यास की पृष्ठभूमि पर रशिया, पोलैंड तथा बाल्टिक देशों में घुसपैठ करेगा ऐसा भी हौजेस ने अपने इशारे में कहा है। इससे पूर्व रशिया ने लश्करी अभ्यास का उपयोग करके पड़ोसी देशों के विरोध में आक्रामक कार्यवाहियां की थी। फिलहाल किसी भी नाटो देश को खतरा नही है। पर फिर भी रशिया में तनाव कम करने की पारदर्शिता दिखाएं ऐसा नाटो प्रमुख जेम्स स्टॉल्टनबर्ग ने कहा है।

लिथुआनिया, लाटविया, पोलैंड और यूक्रेन इन देशों ने रशिया के युद्धाभ्यास के विरोध में आक्रामक भूमिका ली है। लिथुआनिया ने झॅपड युद्धाभ्यास आक्रामक स्वरूप का होगा और इसका उपयोग रशिया धमकी देने के लिए तथा दबाव लाने के लिए करेगा, यह आरोप किया है। लाटवियाने अपने सभी विभागों को सतर्कता का इशारा दिया है। पोलैंडने इस युद्धाभ्यास के बाद रशिया बेलारूस में लष्करी अड्डे तथा शस्त्रास्त्र तैनात करेगा, यह डर व्यक्त किया है। तथा यूक्रेन यह अभ्यास पूर्व यूक्रेन में विद्रोहियों को और मजबूत करने के लिए किया है, ऐसा आरोप कर रहा है।

रशिया एवं बेलारूस ने यह आरोप स्पष्ट शब्दों में झूठलाए हैं। युद्धाभ्यास में पारदर्शिता न होने की शिकायत से हम स्पष्ट शब्दों में इनकार कर रहे हैं। इस अभ्यास के मुद्दे पर बिना किसी कारण के उन्माद का वातावरण तैयार किया जा रहा है, जिससे यह भड़काऊ हो रहा है, इन शब्दों में रशिया के प्रवक्ता दिमित्री पे पेस्कोव्ह ने स्पष्ट शब्दों में इन आरोपों का इनकार किया है। रशिया के संरक्षण विभाग ने झॅपड पूरी तरह बकावात्मक स्वरूप का सरल अभ्यास होकर, इससे किसी भी देश के विरोध में संरचित नहीं किया है, ऐसा घोषित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.