रशिया, तुर्की संबंध ‘रिसेट’

सेंट पीट्सबर्ग, दि. १० (वृत्तसंस्था) – रशिया और तुर्की के संबंधो के लिए बड़ा ही कठीन समय था| लेकिन इन चुनौतियों पर मात करते हुए हमने दोनों ही देशों की जनता के हित के लिए एक होने का फ़ैसला किया है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने रशिया और तुर्की के संबंध ‘रिसेट’ करने के बाद यह घोषणा की| नौ महीने पहले, सिरिया में रशिया का प्लेन गिरानेवाले तुर्की के साथ रशिया का तनाव चरम पर पहुँचा था| लेकिन तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के रशिया दौरे के समय दोनों ही देशों ने, ‘जो हुआ उसे भूलकर’ सहयोग स्थापित करने की घोषणा की|

‘रिसेट’तुर्की में विफल हुए विद्रोह के बाद राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने, इस बग़ावत के लिए अमरीका और पश्‍चिमी देश ज़िम्मेदार होने का इल्ज़ाम लगाया है| इस कारण, नाटो का सदस्य देश रहनेवाले तुर्की के साथ अमरीका समेत सभी नाटो सदस्य देशों के संबंध खराब हुए है; वहीं, तुर्की रशिया के और क़रीब जा रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है| कुछ हफ्तों पहले तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने, रशिया का लड़ाकू विमान गिराने के लिए माफी माँगी थी| साथ ही, इस हमले के लिए क़ीमत अदा करने की तैयारी भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने दर्शायी थी| उनकी इन कोशिशों को रशिया से भी अनुकूल प्रतिसाद मिल रहा है| इसलिए तुर्की में हुए विद्रोह के बाद एर्दोगन ने पहले रशिया की भेंट करके अपनी विदेश नीति में हुए बदलावों के संकेत दिए|

तुर्की में हुए विद्रोह के बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने तुरन्त संपर्क किया था, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने मीडिया से कहा| ‘राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने मुझे फोन करना, यह बात उस समय मेरे लिए मानसिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण घटना थी’ ऐसा एर्दोगन ने कहा| वहीं, किसी भी सरकार के खिलाफ़ होनेवाले विद्रोह का मैं धिक्कार करता हूँ, ऐसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कहा| साथ ही, ‘आनेवाले समय में तुर्की की जनता राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के नेतृत्व में सभी समस्याओं में से बाहर निकल आएगी’ ऐसा विश्‍वास भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने जताया| साथ ही तुर्की से संबंध सुधारने का रशिया का फैसला दोनों देशों के लिए फ़ायदेमंद साबित होगा, ऐसा भी पुतिन ने कहा|

इसके अलावा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और एर्दोगन के बीच सिरिया के बारे में चर्चा हुई| ‘सिरिया समस्या के विषय में रशिया और तुर्की में मतभेद हैं| लेकिन इन मतभेदों को भुलाकर समझौता भी हो सकता है| सिरिया की जंग खत्म होनी चाहिए, यही रशिया और तुर्की को उम्मीद है| इसलिए समझौता करना मुश्किल नहीं होगा’ ऐसा विश्‍वास रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने व्यक्त किया|

सिरिया के बारे में दोनों नेताओं द्वारा दिए गए इन बयानों का बहोत बड़ा असर आनेवाले समय में सामने आ सकता है| इससे पहले सिरिया के मसले पर रशिया और तुर्की एक दूसरे के खिलाफ़ खड़े हुए थे| तुर्की ने रशिया का प्लेन गिराने के बाद, दोनों देशों में जंग छिड़ने का ड़र जताया जा रहा था| लेकिन नौ महीनों के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल गयी है| सिरिया में रशिया और तुर्की के बीच सहयोग स्थापित होता है, तो फिर सिरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद की सरकार और भी मज़बूत हो सकती है| उसी वक्त, अस्साद के खिलाफ़ खड़े हुए विद्रोहियों और आतंकियों की स्थिति कठीन हो सकती है|

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