रशिया क्युबा में पुन: क्षेपणास्त्र तैनात करें

रशियन सांसदों की माँग

Russia Cuba Missiles_RT

 

रशिया एवं उसके मित्रदेशों के ख़िलाफ़ अमरीका द्वारा जो योजनाएँ बनायी जा रही हैं, उन्हें प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया भी आक्रामक रवैया अपनाकर, क्युबा में पुन: क्षेपणास्त्र तैनात करें, ऐसा आवाहन रशिया के दो वरिष्ठ सांसदों ने किया है। इससे पहले रशिया ने सन १९६२ में क्युबा में क्षेपणास्त्र तैनात करके अमरिकी वर्चस्व को चुनौती दी थी। यह घटना आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘क्युबा मिसाईल क्रायसिस’ के नाम से जानी जाती है।

‘अमरीका ने तुर्की में ‘हाय-मार्स मल्टिपल लाँच मिसाईल सिस्टिम’ तैनात करने की योजना बनायी है। इस यंत्रणा की क्षमता ५०० किलोमीटर तक क्षेपणास्त्र दागने की है। इससे, रशिया की अगुआई में स्थापित किये गये ‘कलेक्टिव्ह सिक्युरिटी ट्रीटी ऑर्गनायझेशन’ (मीएसटीओ) इस गुट के सदस्य देशों को ख़तरा पहुँच सकता है’ ऐसा दावा रशिया की कम्युनिस्ट पार्टी के संसद सदस्यों ने किया। व्हॅलरी रश्किन एवं सर्जेई ओबुखोव्ह इन सदस्यों ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन को लिखे पत्र में यह जानकारी देकर, रशिया के हितसंबंध महफ़ूज़ रखने के लिए रशिया क्युबा में पुन: क्षेपणास्त्र तैनात करें, ऐसी माँग की है।

क्षेपणास्त्रों के साथ साथ रशिया का क्युबा में रहनेवाला टोह  अड्डा भी पुन: शुरू करने का आवाहन इस पत्र में किया गया है। रशिया ने सन १९६७ में क्युबा में ‘लॉर्ड़स् टोह अड्डे’ का निर्माण किया था। यह अड्डा सन २००१ में बंद कर दिया गया था। लेकिन युक्रेन के मुद्दे पर रशिया एवं अमरीका में निर्माण हुए तनाव को मद्देनज़र रखते हुए, यह अड्डा पुन: क्रियान्वित कर देने के संकेत दिये गए थे। रश्किन एवं ओबुखोव्ह ने अपने पत्र में यह दावा किया है कि ‘उपरोक्त क्षेपणास्त्रों की तैनाती एवं टोह अड्डा ये बातें, फिलहाल रशिया एवं क्युबा के बीच रहनेवाले ‘मित्रता एवं सहयोग समझौते’ के तहत भी की जा सकती हैं।’

रशिया के इन सांसदों ने अपने पत्र की प्रतियाँ (कॉपीज्) रशिया के रक्षामंत्री सर्जेई शोईगु एवं विदेशमंत्री सर्जेई लावरोव्ह इन्हें भी भेजी हैं। लेकिन इन दो विभागों द्वारा उन्हें किसी भी प्रकार का प्रतिसाद नहीं दिया गया है। लेकिन रशियन संसद की ‘कमिटी फ़ॉर इंटरनॅशनल रिलेशन्स’ के उपप्रमुख व्लादिमिर जॅबारोव्ह ने कम्युनिस्ट सांसदों की इस माँग को ख़ारिज़ कर दिया है। ‘क्युबा में हालात बदल चुके होकर, उस क्षेत्र में क्षेपणास्त्र तैनात करके रशिया की सुरक्षा में कुछ भी फ़र्क़ नहीं पड़नेवाला है’ ऐसा जॅबारोव्ह ने कहा।

गत वर्ष, रशिया क्युबा में टोह अड्डा फिर से शुरू करनेवाला होने का वृत्त दिया गया था। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपने क्युबा दौरे में इस वृत्त को स्पष्ट शब्दों में ख़ारिज़ कर दिया था। लेकिन पिछले कुछ महीनों में अमरीका एवं रशिया के बीच पुन: शस्त्र-दौड़ शुरू हुई होने के तथा शीतयुद्ध के संकेत मिल रहे होने के दावे किये जा रहे हैं। इस पार्श्वभूमि पर रशियन सांसदों की यह माँग लक्षणीय साबित हो रही है।

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