सबसे अधिक शस्त्र निर्माण करने की सूचि में रशिया दुसरे पायदान पर ‘सिप्री’ की रपट

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

स्टॉकहोल्म – रशिया को पहले के वैभवशाली दिन दुबारा प्राप्त करके देने के लिए संरक्षण मुस्तैदी शीघ्र गति से बढाने बढाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इन्होंने अपनाई भूमिका की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शस्त्र निर्माण में रशिया ने दुसरे स्थान पर छलांग लगाई है| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इनकी नीति की वजह से रशियन शस्त्रों की बढती मांग के कारण रशिया को यह मुकाम हासिल हुआ है, यह दावा हो रहा है| इस दौरान शस्त्र निर्माण की सूचि में अमरिका शीर्ष स्थान पर है और अमरिकी कंपनीयों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार के कुल शस्त्र निर्माण में ५७ फिसदी हिस्सा पाया है|

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शस्त्र निर्माण, खरेदी, बिक्री और तस्करी के अवैध व्यापार और अन्य घटनाओं की जानकारी रख रही ‘स्टॉकहोल्म इंटरनैशनल पीस रिसर्च’ यानी ‘सिप्री’ इस विश्‍लेषकों के अभ्यास गुट ने हाल ही में एक रपट प्रसिद्ध की| इसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में शस्त्रनिर्माण में रशियन कंपनीयों ने ब्रिटेन को भी पीछे छोडा है| ‘सिप्री’ ने घोषित किए जानकारी में यह कहा है की, २०१७ में रशियन कंपनीयों ने जागतिक स्तर पर निर्माण हुए कुल शस्त्रों में से ९.५ फिसदी शस्त्रों का निर्माण किया है|

‘सिप्री’ ने विश्‍व में सबसे जादा शस्त्र निर्माण कर रही पहली १०० कंपनीयों की सुचि घोषित की| इस सुचि में रशिया की दस कंपनीयों का समावेश है| २०१६ की तुलना में इन रशियन कंपनीयों की शस्त्र निर्माण की तादाद में ८.५ फिसदी बढोतरी हुई है और इन कंपनीयों ने कुल ३७.७ अरब डॉलर्स के शस्त्र निर्माण किए है| २०११ में पुतिन ने रशिया के रक्षा क्षेत्रा में काफी बदलाव किए थे|

रशियन रक्षा दलों को अत्याधुनिक शस्त्रों से लैस करके रशिया की सुरक्षा फिर से अमरिका से स्पर्धा करे इस हद तक बढाने का इरादा पुतिन ने स्पष्ट किया था| उसके बाद रशियन रक्षा क्षेत्र ने गति से सुधार किये है और पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रशियन शस्त्रनिर्माण हुई बढोतरी भी इसी सुधार का परिणाम है, यह दावा ‘सिप्री’ ने किया है|

शस्त्रनिर्माण में रशिया ने मारी छलांग की वजह से पिछले १६ साल इस सुचि में दुसरे स्थान पर बने रहे ब्रिटेन को अब तिसरे स्थान पर जाना पडा है| इस दौरान कुल शस्त्रनिर्माण में ९ फिसदी हिस्सा रख रहे ब्रिटेन की कंपनीयों ने ३५.७ अरब डॉलर्स का कारोबार किया है|

‘सिप्री’ की जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष विश्‍व की १०० कंपनीयों ने कुल ३९८.२ अरब डॉलर्स का शस्त्रनिर्माण किया| २०१६ की तुलना में इस वर्ष शस्त्रनिर्माण की तादाद में २.५ फिसदी बढोतरी हुई है| इस शस्त्रनिर्माण में अमरिका के ४२ कंपनीयों का हिस्सा ५७ फिसदी रहा| इन कंपनीयों ने सालभर में कुल २ फिसदी बढोतरी के साथ २२६.६ अरब डॉलर्स का कारोबार किया है| इन अमरिकी कंपनीयों में लॉकहिड मार्टीन कंपनीने सबसे अधिक ४४.९ अरब डॉलर्स का व्यापार किया|

इस दौरान, शस्त्रनिर्माण क्षेत्र की सुचि में भारत १० वे पायदान पर रहा| भारतीय कंपनीयों का हिस्सा १.९ फिसदी रहा है और आग्नेय एशियाई, खाडी एवं लैटिन अमरिकी देशों में भारतीय शस्त्रों की मांग बनी रही है, यह जानकारी इस रपट के माध्यम से उजागर हुई है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.