पाकिस्तान को कर्ज देने से विश्‍व बैंक का इन्कार

इस्लामाबाद – पाकिस्तान के लगभग २५ करोड़ डॉलर्स की वित्त सहायता जागतिक बैंक ने रद्द की है| पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था संभालने के लिए यह कर्ज प्रदान होने वाला था| पर पाकिस्तान के साथ समझौते टूटने से जागतिक बैंक ने यह कर्ज देने से इन्कार किया है| पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था दिवालियाखोरी के दहलीज पर होते समय जागतिक बैंक ने यह निर्णय लेकर पाकिस्तान को झटका दिया है, ऐसा दिखाई दे रहा हैं| एक ही दिन पहले अमरिका के संयुक्त राष्ट्रसंघ के राजदूत निकी हैलेने आतंकवादियों का समर्थन करने वाले पाकिस्तान को एक डॉलर की भी मदद नहीं की जाए, ऐसी कड़ी आलोचना की थी|

जागतिक बैंक के प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान में आने वाले थे, पर उनका यह दौरा रद्द किया गया है| पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में शुरू होने वाले समझौते असफल ठहरने से, यह दौरा रद्द होने की बात कही जा रही है| पर इन दो बातों का संबंध ना होने की बात जागतिक बैंक के अधिकारियों ने कही है| पाकिस्तान में कई आर्थिक सुधार आवश्यक होकर, जागतिक तापमान बदलाव के संकट ध्यान में लेकर कई निर्णय लेने अपेक्षित होने की बात जागतिक बैंक ने कही है| यह अपेक्षा पूर्ण करने की तैयारी पाकिस्तान ने नहीं दिखाई है| इसकी वजह से २५ करोड़ डॉलर्स की सहायता रद्द करने की बात कही जा रही है|

फिलहाल पाकिस्तान की तिजोरी में केवल ७.५ अरब डॉलर इतनी विदेशी जमापूंजी बाकी है| इस रकम में केवल ६ हफ्तों तक निर्यात का बिल चुकता किया जा सकता है| जागतिक बैंक के मानक के अनुसार लगभग १० हफ्तों के निर्यात चुकते हो सकते हैं, इतना निधि पाकिस्तान के पास होना आवश्यक है| पर इस अग्रणी पर, पाकिस्तान का काम निराशाजनक है| दौरान पाकिस्तान फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से कर्ज प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहा है| पर पाकिस्तान को कर्ज प्रदान करने से पहले मुद्राकोष ने कई शर्तें सामने रखी है| जिसमें पाकिस्तान ने कठोर आर्थिक निर्णय लेने का निर्णय का समावेश है|

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने इससे पहले हुए सरकार पर मुद्राकोष का कर्ज लेकर देश की वित्त व्यवस्था धूल में मिलाने का आरोप किया है| तथा अपनी सरकार कभी भी भीख का कटोरा लेकर मुद्राकोष के पास नहीं जाएगी, ऐसी गवाही इम्रान खान ने अपने चुनाव प्रचार में दी थी| पर सरकार स्थापना के बाद ३ महीने हो रहे थे कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान कर्ज सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास याचना करते दिखाई दे रहे हैं| इस पर पाकिस्तान से जोरदार आलोचना हो रही है| तथा इम्रान खान ने कर्ज के लिए मुद्राकोष की शर्थे स्वीकारी तो पाकिस्तानी जनता की अवस्था भयंकर होगी, ऐसी चिंता कई विश्लेषक एवं पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं|

जागतिक बैंक एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष इस वित्त संस्थाओं पर अमरिका का नियंत्रण है और अमरिका के साथ पाकिस्तान के बिगड़े हुए संबंधों के परिणाम पाकिस्तानी वित्त व्यवस्था को सहन करने पड़ रहे हैं| संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त अमरिकी राजदूत निक्की हैले ने आतंकवादियों को आज भी सहायता कर रहे पाकिस्तान को कोई एक डॉलर की भी मदद ना करें, ऐसे सूचक विधान १ दिन पहले किए थे| उसके बाद जागतिक बैंक ने पाकिस्तान के २५ करोड डॉलर्स की कर्ज सहायता रद्द करने की खबर प्रसिद्ध हुई| उसकी वजह से अमरिका के सामने स्वाभिमान की भूमिका लेकर पाकिस्तानी जनता से प्रशंसा प्राप्त करने वाले प्रधानमंत्री इम्रान खान की भूमिका को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

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