सीरिया के संघर्ष की पृष्ठभूमि पर – रशिया के तरफ से नए ‘एंटी सॅटॅलाइट’ और ‘सुपरसोनिक क्रुझ’ मिसाईलों का सफल परीक्षण

एंटी सॅटॅलाइट, सुपरसोनिक क्रुझ, सफल परीक्षण, सीरिया के संघर्ष,  पृष्ठभूमि, मिसाइल, रशिया, अमरिकामॉस्को: सीरिया में बढ़े संघर्ष की पृष्ठभूमि पर रशिया ने, अमरिका की यातायात और संपर्क यंत्रणा ढीली कर सकती है, ऐसे ‘एंटी सॅटॅलाइट’ ‘नुडॉल’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। पिछले महीने में रशिया की राजधानी मॉस्को के पास यह परीक्षण करने का दावा रशियन सूत्रों ने किया है। मंगलवार को रशियन नौसेना की तरफ से ‘पी-५०० बॅझाल्ट’ इस सुपरसोनिक मिसाइल का भी परीक्षण किए जाने की जानकारी सामने आई है।

‘नुडॉल‘ मिसाइल पृथ्वी के वातावरण के भी आगे जाकर उपग्रहों को भेद सकता है, ऐसा कहा जा रहा है, लेकिन इसका इस्तेमाल ‘लॉन्ग रेंज डिफेन्स’ के तौर पर किया जाने वाला है और उसके लिए ‘काइनेटिक एनर्जी’ तकनीक का आधार लिया गया है।

एंटी सॅटॅलाइट, सुपरसोनिक क्रुझ, सफल परीक्षण, सीरिया के संघर्ष,  पृष्ठभूमि, मिसाइल, रशिया, अमरिकासीरिया में हुए रासायनिक हमले के प्रकरण को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर वातावरण गरमा गया है और रशिया-अमरिका संघर्ष भड़कने के संकेत मिल रहे हैं। सीरिया में हुए हमले के पहले ब्रिटन में भूतपूर्व जासूस पर हुए विषप्रयोग के मुद्दे को लेकर रशिया और पश्चिमी देशों के बीच तनाव शिखर तक पहुंचा है। सीरिया के विवाद ने इसमें और तेल डाल दिया है। जल्द ही संघर्ष की चिंगारी भड़केगी, ऐसी संभावना जताई जा रही है।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने पिछले महीने में ही रशिया ने अतिप्रगत मिसाइल भेदी यंत्रणा और हथियार विकसित करने का और रशियन यंत्रणाओं को दुनिया का कोई भी मिसाइल नहीं भेद सकता, ऐसा दावा किया था। उसके बाद ‘सॅटॅलाइट किलर’ का परीक्षण करने की यह दूसरी बारी है।

‘नुडॉल‘ और ‘पीएल-९९’ ऐसे दोनों नामों से पहचाने जाने वाले इस मिसाइल परीक्षण में मिसाइल का ‘ट्रांसपोर्टर’ भी दिखाया गया है। रशिया ने सन २०१५ से इस मिसाइल का परीक्षण करना शुरू किया था, ऐसी जानकारी दी गई है। पिछले महीने में हुआ परीक्षण छठा परीक्षण था, ऐसा कहा जाता है।

रशिया के ‘पी-५०० बॅझाल्ट’ इस सुपरसोनिक मिसाइल की रफ़्तार प्रति घंटा १८०० मील है और उसमें ‘टर्बो जेट’ तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। रशियन रक्षादल के प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान, यह परीक्षण किया गया है और उसके लिए ‘मार्शल उस्तिनोव’ इस ‘मिसाइल क्रुझर’ का इस्तेमाल किया गया है। परमाणु क्षमता वाला यह मिसाइल ५५० किलोमीटर्स की दूरी तक सफल हमला कर सकता है, ऐसा दावा रशियन सूत्रों ने किया है।

इस महीने की शुरुआत में रशिया ने ‘ए-१३५ एंटी मिसाइल शिल्ड’ इस ‘बैलेस्टिक’ मिसाइल विरोधी यंत्रणा का परीक्षण करने की बात सामने आई थी। इसके अंतर्गत प्रक्षेपित किए गए मिसाइल लड़ाकू विमान और मिसाइलों के साथ साथ अंतरिक्ष के उपग्रहों को भी लक्ष्य बना सकते हैं, ऐसा दावा रशियन सूत्रों ने किया था। पिछले कुछ महीनों में अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं ने रशिया और चीन की तरफ से विकसित किए जाने वाले ‘स्पेस बेस्ड एंटी मिसाइल वेपन्स’ के बारे में बार बार इशारे दिए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.