रशिया पर लगाए प्रतिबंधों का भारत के रक्षा क्षेत्र पर असर नहीं – नीति आयोग के सदस्य व्ही.के.सारस्वत

नई दिल्ली – ‘रशिया की सैन्य क्षमता अभूतपूर्व हैं और रक्षा उत्पादन को लेकर वह स्वयंपूर्ण हैं| इस वजह से पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंधों की वजह से भारत के रक्षा क्षेत्र के सामने बाधाएँ निर्माण होने की संभावना नहीं’, ऐसा दावा नीति आयोग के सदस्य व्ही.के.सारस्वत ने किया| रशिया यह रक्षा क्षेत्र के मोर्चे पर भारत का सबसे बड़ा निर्यातक देश हैं और पिछले कुछ सालों में रशिया और भारत के बीच अहम समझौते हुए हैं| इस पृष्ठभूमि पर सारस्वत का बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं|

रशिया-यूक्रैन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका और मित्रदेशों ने रशिया पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं| इसमें रक्षाक्षेत्र और उससे संबंधित उद्योगों का भी समावेश हैं| इस पृष्ठभूमि पर सारस्वत से सवाल किए गए| इसके जबाव में उन्होंने यह विश्‍वास जताया कि, रशिया के प्रतिबंध भारतीय रक्षा क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुँचाएँगे| इस दौरान उन्होंने रशिया का रक्षा क्षेत्र एवं उससे संबंधित उद्योगों की क्षमता पर भी भरोसा व्यक्त किया| इस क्षेत्र में रशिया स्वयंपूर्ण होने से भारत के रक्षा क्षेत्र पर इसका असर नहीं होगा, यह बात नीति आयोग के सदस्य ने कही|

भारत के रक्षा क्षेत्र में अहम स्थान रखनेवाले ‘डीआरडीओ’ के पूर्व अध्यक्ष रहें सारस्वत ने इस दौरान सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर उठाएँ कदमों पर भी ध्यान आकर्षित किया| भारत सरकार ने पिछले कुछ सालों में रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उद्योग एवं रक्षा सामान के निर्माण को बढ़ावा दिया हैं और इसके लिए काफी बड़ा प्रावधान भी किया हैं, इसकी याद भी सारस्वत ने इस दौरान ताज़ा की| अंतरराष्ट्रीय अभ्यासगुट ‘सिप्री’ ने भी साल २०११-१५ से २०१६-२०२० के दौरान भारत ने रक्षा क्षेत्र की आयात ३३ प्रतिशत कम करने की बात कही थी|

कुछ दिन पहले अमरीका ने भारत-रशिया के बीच हुई ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीद के मुद्दे पर अमरीका अभी भी भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी| यह धमकी सच्चाई में उतरने की संभावना काफी कम हैं| लेकिन, इसके आगे रशिया से रक्षा सामान एवं हथियारों की खरीद ना करें, यह इशारा अमरीका इस धमकी के माध्यम से भारत को दे रही हैं| लेकिन, भारत का ६० प्रतिशत से भी अधिक रक्षा सामान एवं हथियार रशियन निर्माण के हैं और भारत को रशिया से सहयोग तोड़ना मुमकिन नहीं हैं, इसका अहसास अमरीका के जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी करा रहे हैं| लेकिन, बायडेन प्रशासन को इसपर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं|

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