युक्रेन के चार शहरों में रशिया की संघर्ष बंदी – फिर भी युक्रेन के अन्य भागों पर हमले कायम

मॉस्को/किव्ह – युक्रेन के युद्ध के 12वें दिन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने चार शहरों में संघर्ष बंदी का ऐलान किया। इनमें युक्रेन की राजधानी कीव, खारकिव्ह, मारिओ पोल और सुमी तीन शहरों का समावेश है। फिर भी युक्रेन के युद्ध की तीव्रता कम नहीं हुई है। क्योंकि अभी भी युक्रेन के अन्य भागों में रशिया के हमले शुरू होने का दावा किया जाता है। उसी समय, इस युद्ध को रोकने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक तेज प्रयास किए जा रहे हैं।

संघर्ष बंदीयूक्रेन में फँसे हुए अन्य देशों के नागरिकों को रशिया तथा बेलारूस की सीमा से बाहर निकालने का प्रस्ताव रशिया ने रखा है। साथ ही, चार शहरों में रशिया ने संघर्ष बंदी लागू की है। ऐसा होने के बावजूद भी रशियन लष्कर के ड्रोन्स, इस संघर्षबंदी पर अमल किया जा रहा है या नहीं, उसकी तसल्ली कर रहे हैं, ऐसी जानकारी रशियन रक्षा मंत्रालय ने दी। लेकिन यह संघर्षबंदी यानी मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए तथा विदेशी नागरिकों को बाहर निकालने के लिए दी सहूलियत है, ऐसा रशिया ने स्पष्ट किया। साथ ही, युक्रेन इस संघर्ष बंदी के मुद्दों का उल्लंघन कर रहा होने का आरोप रशिया के रक्षा मंत्रालय ने किया है।

युक्रेन ने खतरनाक गतिविधियाँ रोके बगैर रशिया के हमले नहीं रुकेंगे, ऐसा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने जताया है। किव, खारकिव्ह, मारिओ पोल और सुमी तीन चार शहरों में हालांकि संघर्ष जारी नहीं है, फिर भी किव के पड़ोसी इलाकों में तथा चेर्निहिव, मायकोलेव्ह इन शहरों में रशियन तोपों की फायरिंग जारी है। इस कारण इस युद्ध की तीव्रता अभी भी कायम रहती दिखाई दे रही है।

ऐसी परिस्थिति में, इस युद्ध के गंभीर परिणामों को मद्देनजर रखते हुए कुछ देशों ने युद्ध रोकने के प्रयास तेज किए हैं। इस्रायल, तुर्की, फ्रान्स इन देशों ने रशिया और युक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों के साथ संवाद किया होने की खबरें आ रही हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की के साथ फोन पर चर्चा की। 35 मिनट की इस चर्चा का सारा विवरण सामने नहीं आया है। भारत ने यूक्रेन की जनता के लिए भेजी मानव ईसहायता के लिए राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने भारत का शुक्रिया अदा किया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रसिया के राष्ट्राध्यक्ष के साथ लगभग 50 मिनट फोन पर चर्चा की।

डोंबास प्रांत के भारतीयों को बाहर निकालने के लिए रसिया ने चलाई लश्करी मुहिम के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय रशियन राष्ट्राध्यक्ष का शुक्रिया अदा किया। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष ओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने की चर्चा की वजह से कामा यूक्रेन की युद्ध बंदी के लिए भारत भी प्रयास कर रहा होने की चर्चा शुरू हुई है।

युक्रेन में चल रहा यह संघर्ष जल्द से जल्द रुकें इसके लिए भारत हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ की चर्चा में स्पष्ट किया। वहीं,, प्रधानमंत्री मोदी के साथ बात करते समय फिलहाल यूक्रेन के प्रतिनिधियों के साथ रशिया कर रहा तीसरे चरण की चर्चा की जानकारी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दी।

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