उत्तर कोरिया के साथ तनाव की पृष्ठभूमि पर दक्षिण कोरिया ने किया रॉकेट परीक्षण

south-korea-rocket-test-2सेऊल – दक्षिण कोरिया ने बुधवार को ‘सॉलिड फ्यूल’ की सहायता से रॉकेट का सफल परीक्षण किया| अंतरिक्ष से निगरानी करने की क्षमता बढ़ाने के लिए दक्षिण कोरिया की कोशिशें जारी हैं| यह परीक्षण इसी कोशिश का हिस्सा होने का दावा किया जा रहा है| पिछले हफ्ते उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने से इस क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ था| इसके बाद दक्षिण कोरिया ने इस रॉकेट परीक्षण करने की बात पर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं|

छह दिन पहले उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था| साल २०१७ में सैन्य परेड़ में इस मिसाइल का प्रदर्शन करने के बाद उत्तर कोरिया ने पहली बार इसका परीक्षण किया| अमरीका के अति पूर्व के शहरों को निशाना करने की क्षमता वाले इस मिसाइल के परीक्षण से कोरियन क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ था| इस परीक्षण के ज़रिये उत्तर कोरिया ने अमरीका के साथ दक्षिण कोरिया और जापान को धमकाने का दावा माध्यमों ने किया था|

south-korea-rocket-test-इसे एक हफ्ता होने के दौरान ही पड़ोसी दक्षिण कोरिया ने बुधवार को रॉकेट परीक्षण किया| इसके ज़रिये दक्षिण कोरिया ने रॉकेट के साथ ही डमी यानी सैटेलाईट की प्रतिकृति भी अंतरिक्ष में छोड़ी| यह परीक्षण सफल होने का ऐलान दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने किया| इसलिए आनेवाले दिनों में दक्षिण कोरिया की अंतरिक्ष से निगरानी करने की क्षमता अधिक मज़बूत होगी, यह दावा कोरियन रक्षा मंत्रालय ने किया|

साथ ही अब तक उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए अमरीका के सैटेलाईटस् की निर्भरता भी कम होगी, ऐसा दक्षिण कोरिया का कहना है| फिलहाल दक्षिण कोरिया के अपने खूद के सैन्य निगरानी के लिए सैटेलाईटस् नहीं हैं| साल १९७९ के समझौते के अनुसार दक्षिण कोरिया प्रगत और लंबी दूरी के मिसाइलों की तकनीक विकसित नहीं कर सकता या इसकी खरीद भी नहीं कर सकता| लेकिन, साल २०२० में दक्षिण कोरिया ने पूर्व अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के साथ ‘सॉलिड फ्यूल’ की खरीद का समझौता किया था| इसकी वजह से दक्षिण कोरिया को यह रॉकेट छोड़ना आसान हुआ है|

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