इस्रायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ में गोलन पहाड़ियों से संबंधित प्रस्ताव पारित – इस्रायल सहित अमेरिका और ब्रिटेन ने किया विरोधी मतदान

न्यूयॉर्क/जेरूसलम – इस्रायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस्रायल के विरोध में फिर से प्रस्ताव पारित किया है। मंगलवार के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में खाड़ी की स्थिति को लेकर चर्चा का आयोजन किया गया था। इस दौरान इजिप्ट की पहल से सीरिया की गोलन पहाड़ियों से संबंधित प्रस्ताव पेश किया गया। ९१ देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में और आठ देशों ने इसके विरोध में मतदान किया। पिछले महीने शुरू हुए इस्रायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने बार बार इस्रायल विरोधी भूमिका अपनाई दिखाई दी है। राष्ट्र संघ की इस भूमिका पर इस्रायल ने आक्रामक शब्दों में आलोचना की थी।

इस्रायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ में गोलन पहाड़ियों से संबंधित प्रस्ताव पारित - इस्रायल सहित अमेरिका और ब्रिटेन ने किया विरोधी मतदानमंगलवार को संयुक्त राष्ट्र संघ में हुई बैठक में इजिप्ट ने जॉर्डन, कतर और अन्य देशों की सहायता से सीरिया की गोलन पहाड़ियों से संबंधित प्रस्ताव पेश किया। आठ मुद्दों के इस प्रस्ताव में इस्रायल ४ जून, १९६७ के दिन गोलन पहाड़ियों की सीमा तक इस्रायल पीछे हटे, ऐसी मांग की गई है। इस्रायल ने वर्ष १९६७ के युद्ध में सीरिया के गोलन पहाड़ियों पर किया कब्ज़ा अवैध है। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने वर्ष १९८१ में पारित किए प्रस्ताव पर अमल करने में इस्रायल नाकाम हुआ है, ऐसा आरोप भी लगाया गया है।

इस्रायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ में गोलन पहाड़ियों से संबंधित प्रस्ताव पारित - इस्रायल सहित अमेरिका और ब्रिटेन ने किया विरोधी मतदानसीरिया की गोलन पहाड़ियों के क्षेत्र पर इस्रायल का बना नियंत्रण इस क्षेत्र की शांति के लिए बाधा साबित होने का दावा भी इस प्रस्ताव में किया गया है। इससे पहले हुई चर्चा के प्रावधान और निर्णयों का इस्रायल सम्मान करें और इस मुद्दे पर सीरिया एवं लेबनान से बातचीत शुरू करें, ऐसी मांग भी प्रस्ताव में है।

इस्रायल, सीरिया और जॉर्डन की सीमा से जुड़ी गोलन पहाड़ियों का क्षेत्र वर्ष १९४४ से सीरिया के सार्वभूम क्षेत्र के तौर पर जाना जा रहा था। वर्ष १९६७ में हुए ‘सिक्स डेज्‌ वॉर’ में इस्रायल ने सीरिया के गोलन पहाड़ियों के क्षेत्र पर कब्ज़ा किया था। इसके बाद वर्ष १९८१ में इस्रायल की संसद ने गोलन पहाड़ियों का क्षेत्र इस्रायल का सार्वभूम क्षेत्र घोषित करने के लिए ज़रूरी कानून पारित किया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस्रायल का यह कानून रद करके इस्रायल ने गोलन पहाड़ियों पर जताया अधिकार ठुकराया था।

इस्रायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ में गोलन पहाड़ियों से संबंधित प्रस्ताव पारित - इस्रायल सहित अमेरिका और ब्रिटेन ने किया विरोधी मतदानइस्रायल ने गोल पहाड़ियों के इलाके में भारी मात्रा में सैन्य तैनाती की है और रिहायशी बस्ती का भी निर्माण किया है। यहां का विवादित क्षेत्र बताए जा रहे हिस्से में संयुक्त राष्ट्र संघ ने शांति सैनिक तैनात किए हैं। इस्रायल और सीरिया के बीच में होने वाले इस क्षेत्र में लगातार मुठभेड़ होती रही है और सीरिया ने यह इशारा दिया है कि, इस क्षेत्र का हमारा अधिकार कभी भी छोड़ेंगे नहीं। इस पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इससे संबंधित प्रस्ताव फिर से पारित करना ध्यान खींच रहा है। इससे पहले वर्ष २०१६ में भी संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने इस्रायल का कब्ज़ा ठुकराकर इसपर सीरिया का अधिकार होने की बात स्पष्ट की थी।

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