‘जीएसटी’ कम होने से करदाताओं की संख्या करीबन सवा करोड़ हुई – केंद्रीय अर्थ मंत्रालय

नई दिल्ली – विभिन्न उद्योगों और आवश्‍यक उत्पादनों पर वसूल किए जा रहे ‘जीएसटी’ का दर कम करने से जीएसटी का भुगतान करनेवालों की संख्या ६५ लाख से बढ़कर १.२४ करोड़ तक जा पहुँचने की जानकारी केंद्रीय अर्थ मंत्रालय ने साझा की है। साथ ही केंद्र सरकार ने तेल, टुथपेस्ट, साबुन, वॉशिंग मशीन, एलपीजी स्टोव, एलईडी के साथ अन्य आवश्‍यक वस्तुओं के जीएसटी का दर कम किया है। ४० लाख रुपए सालाना कारोबार करनेवाले व्यापारियों को जीएसटी में सहुलियत प्रदान की गई है। इससे पहले यह मर्यादा २० लाख रुपए थी।

देश में करों की हो रही वसूली में हुए बुनियादी सुधार में ‘जीएसटी’ की भूमिका बड़ी अहम रही है। जीएसटी शुरू करने से पहले वैट, उत्पादन शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर आदि कई प्रकार के करों का भुगतना करना पड़ता था। लेकिन, जीएसटी लाने से करों की संख्या कम हुई है। साथ ही जीएसटी का रेट और मर्यादा में बदलाव करने से करदाताओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। जीएसटी का भुगतान शुरू किया गया था तब करदाताओं की संख्या करीबन ६५ लाख थी। इसमें बढ़ोतरी हुई है और यह संख्या अब १.२४ करोड़ हुई है।

‘जीएसटी’ कम होने से करदाताओं की संख्या करीबन सवा करोड़ हुई - केंद्रीय अर्थ मंत्रालयसोमवार के दिन हुई ‘जीएसटी कौन्सिल’ की बैठक में करों में कटौती करने से संबंधित कुछ अहम निर्णय भी लिए गए। आम नागरिकों को राहत देने के लिए आवश्‍यक वस्तुओं के जीएसटी के दरों में कटौती की गई। इनमें बालों का तेल, टुथपेस्ट और साबुन पर जीएसटी कम किया गया है। इसके साथ ही वॉशिंग मशीन, एलपीजी स्टोव, एलईडी, स्कूल बैग्ज्‌, हेल्मेट, सीसीटीवी के कर भी कम किए गए हैं। जीएसटी शुरू करने से लेकर अब तक अधिकांश वस्तुओं के कर का दर कम किया गया है। २८% कर वसूली हो रही थी उन वस्तुओं पर केवल लक्ज़री वस्तुएं एवं नाशवान वस्तुएं शामिल हैं। इस टैक्स स्लैब में पहले २३० वस्तुएं शामिल थीं। लेकिन, अब तक इनमें से २०० वस्तुओं का टैक्स कम किया गया है।

जीएसटी कौन्सिल की बैठक में ब्योपारियों को भी राहत दी गई ह। सालाना ४० लाख रुपए कारोबार करनेवाले ब्योपारियों को जीएसटी से सहुलियत देने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा १.५ करोड़ तक कारोबार करनेवाले ब्योपारी ‘कम्पोजिशन स्कीम’ का विकल्प चुन सकेंगे। इससे पहले यह मर्यादा ७५ लाख रुपए थी। ब्योपारियों ने इस स्कीम का चयन किया तो उन्हें मात्र एक प्रतिशत दर से जीएसटी का भुगतान करना होगा।

अब इस योजना में सेवा क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। गृहनिर्माण क्षेत्र को भी राहत दी गई है। यह क्षेत्र पांच प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा गया है। सस्ते किमतों के घरों के लिए जीएसटी का दर १ प्रतिशत किया गया है। ‘जीएसटी’ से संबंधित पूरी प्रक्रिया स्वयंचलित की गई है और अब तक ५० करोड़ रिटर्नस्‌ ऑनलाईन दाखिल हुए हैं। १३१ करोड़ ई-बिल्स तैयार होने की जानकारी भी केंद्रीय अर्थ मंत्रालय ने साझा की है।

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