‘आरबीआय’ ने ब्याजदर जैसे थे रखें – ‘आरटीजीएस’ की सुविधा २४ घंटे शुरू रहेगी

मुंबई – ‘आरबीआय’ ने अपनी नई आर्थिक नीति में ब्याजदरों में किसी भी तरह का बदलाव ना करने का निर्णय किया हैं। शेष दो तिमाही के दौरान देश का ‘जीडीपी’ सकारात्मक रहेगी, यह अनुमान व्यक्त करने के साथ ही महंगाई नियंत्रण में रहेगी, यह विश्‍वास भी ‘आरबीआय’ के गव्हर्नर शक्तिकांत दास ने व्यक्त किया हैं। ‘आरटीजीएस’ की सुविधा २४ घंटें शुरू रखने का निर्णय भी ‘आरबीआय’ ने किया हैं। इस वजह से आर्थिक आदान-प्रदान करने की डिजिटल प्रक्रिया अब किसी भी समय करना संभव होगा। साथ ही डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा के नज़रिये से भी ‘आरबीआय’ बैंकों के लिए कुछ मार्गदर्शक सूचना भी जारी करेगी, यह बयान ‘आरबीआय’ के गव्हर्नर ने किया हैं।

rbiदेश की अर्थव्यवस्था की गति पहले के स्तर पर आने के संकेत देनेवाले कुछ रपट इससे पहले ही सामने आए थे। इस पृष्ठभूमि पर ‘आरबीआय’ ब्याज दरों में बदलाव नही करेगी, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही थी। इस उम्मीद के अनुसार ‘आरबीआय’ की आर्थिक नीति तय करनेवाली कमेटी की बैठक में भी ब्याज दरों में बदलाव ना करने का निर्णय हुआ। रिव्हर्स रेपो और रेपो दर बरकरार रखने से ग्राहकों को उठाए कर्ज के ब्याज दर में किसी भी प्रकार की राहत प्राप्त नही हुई हैं।

देश की अर्थव्यवस्था की गति में सुधार हो रहा हैं और अगले दो तिमाही के दौरान ‘जीडीपी’ सकारात्मक रहेगा। साथ ही मौजूदा आर्थिक वर्ष में ‘जीडीपी’ मायनस ७.५ रहेगा, यह अनुमान भी आरबीआय ने व्यक्त किया हैं। इस वर्ष में बैंकों को प्राप्त होनेवाले मुनाफे से लाभांश ना देने के आदेश आरबीआय ने बैंकों को दिए हैं। यह मुनाफा बैंक अपने ही खाते में रखे, यह बात आरबीआय ने कही हैं। बैंकों को आर्थिक मज़बूती देने के लिए यह निर्णय किया गया हैं। साथ ही नॉन बैंकिंग वित्त संस्था (एनबीएफसी) के लाभांश का बटवारां करने के लिए एक मानक तय किया जाएगा, यह बात भी ‘आरबीआय’ ने कही हैं।

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