श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ सात देशों की अर्थव्यवस्थाएं संकट में – ‘नोमुरा’ की रिपोर्ट

नई दिल्ली: श्रीलंका और पाकिस्तान इन पडौसी देशों के साथ दुनिया के सात विकसनशील देशों की अर्थव्यवस्था बड़े संकट में पड़ी हैं। सिर्फ कुछ महीनों तक आपूर्ति होगी इतनी ही विदेशी मुद्रा इन देशों के पास बाकि रह गई है। साथ ही इन देशों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है। इस वजह से इन देशों में ‘एक्सचेंज रेट क्राइसिस’ (विनिमय दर संकट) का खतरा निर्माण होने की चेतावनी अग्रणी वित्तसंस्था ‘नोमुरा’ ने दी है।

श्रीलंका, पाकिस्तान, सात देशों, अर्थव्यवस्थाएं, संकट, नोमुरा, रिपोर्ट, नई दिल्ली, गंभीर खतरादुनिया के ३० उभरते बाजारों में जोखिम की तरफ ध्यान आकर्षित करने वाली ‘नोमुरा’ के ‘दमोकल्स इंडेक्स’ के अनुसार श्रीलंका को ‘एक्सचेंज रेट क्राइसिस’ का गंभीर खतरा हो सकता है। देश की आर्थिक स्थिति का अभ्यास करके ‘नोमुरा’ की तरफ से इन अर्थव्यवस्थाओं को शुन्य से लेकर २०० के बीच गुण दी जाते हैं। १०० से अधिक गुण मिलना मतलब साल भर के अन्दर इस देश को ‘एक्सचेंज रेट क्राइसिस’ का सामना करना पड़ सकता है। डेढ़ सौ से अधिक गुण प्राप्त करने वाले देशों में किसी भी क्षण यह संकट शुरू हो सकता है।

इस रिपोर्ट में श्रीलंका को १७५ अंक दी गए हैं। अलग शब्दों में कहा जाए तो श्रीलंका में यह संकट किसी भी क्षण आ सकता है, ऐसी नोमुरा ने चेतावनी दी है। वर्तमान में श्रीलंका के पास आयात करने के लिए सिर्फ पाँच महीनों तक आपूर्ति होगी, इतनी विदेशी मुद्रा है। साथ ही श्रीलंका पर कर्ज का बोझ १६० अरब डॉलर्स तक पहुंचा है।

आने वाले समय में श्रीलंका में बहुत बड़ा विदेशी निवेश होने की संभावना नही है। इस वजह से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के सामने चुनौतियाँ अधिक उग्ररूप धारण करने की संभावना बढी हैं। श्रीलंका के बाद दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था भी लगभग इसी परिस्थिति में पहुँच गई है। ऐसा इस रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका को १४३, उसके बाद अर्जेंटीना को १४०, पाकिस्तान को १३६, इजिप्त को १११, तुर्की को १०४ और युक्रेन को १०० अंक इस रिपोर्ट में दीए गए हैं। इन सातों देशों की अर्थव्यवस्था वर्तमान में नाजुक स्थिति से जा रहीं हैं, ऐसा नोमुरा ने कहा है। इन देशों कि मुद्रा नीति के साथ साथ व्यापार रक्षावाद, चीन की अर्थव्यवस्था की बन रही धीमी गति की वजह से इन अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव बढ़ गया है। निवेशक इन देशों में निवेश करने के लिए पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं, ऐसा नोमुरा ने कहा है।

भारत को इस रिपोर्ट में २५ अंक दी गए हैं। इससे यही संकेत मिल रहे हैं कि रुपए में गिरावट होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है। भारत में महंगाई दर ४.५ प्रतिशत है। सन २०१२ में यही महंगाई दर ९.७ प्रतिशत था। वित्तीय घाटा पाँच प्रतिशत होते हुए भी, भारत में पर्याप्त विदेशी मुद्रा है, इस लिये ‘दमोकल्स स्कोर’ में भारत को २५ अंक दी गए हैं।

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