हिंद महासागर में भारत-रशिया की नौसेना का युद्धाभ्यास शुरू

नई दिल्ली – हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई हैं और तभी इस क्षेत्र में भारत-रशिया की नौसेना का युद्धाभ्यास शुरू हुआ हैं। इससे पहले सितंबर महीने में भी भारत और रशियन नौसेना ने ‘इंद्रा’ नामक युद्धाभ्यास किया था। इसके दो महीनें बाद भारत-रशिया की नौसेना दुबारा का दुबारा हो रहा यह युद्धाभ्यास ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

india-russia-naval-exerciseशुक्रवार के दिन भारतीय नौसेना दिवस के अवसर पर हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और रशिया का नया समुद्री युद्धाभ्यासशुरू हुआ हैं। इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना की ‘आयएनएस शिवालिक’ और ‘आयएनएस कदमत्त’ यह दो युद्धपोत और लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स शामिल हुए हैं। वही, रशिया की ‘वारयाग’ और पनडुब्बी विरोधी ‘एडमिरल पैंटलेव्ह’ युद्धपोत शामिल हुई हैं।

दो दिन के इस युद्धाभ्यास में पनडुब्बी विरोधी युद्ध का अभ्यास और हथियारों का प्रयोग करने के अभ्यास पर जोर दिया जाएगा। भारत और रशिया की नौसेना का सहयोग मज़बूत हो, इस उद्देश्‍य से इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया हैं। इसी बीच, हिंद महासागर क्षेत्र में चीन ने कुछ हरकत की तो उसे प्रत्युत्तर देने की पुरी तैयारी भारतीय नौसेना ने रखी हैं, यह बयान नौसेनाप्रमुख एडमिरल करमबिर सिंह ने हाल ही में किया था।

गलवान घाटी में चीन ने विश्‍वासघात करने के बाद भारत के रशिया में नियुक्त राजदूत बी.व्यंकटेश वर्मा ने रशिया को ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में व्यापक भूमिका अपनाने के लिए आवाहन किया था। ‘इंडो-पैसिफिक’ में भारत और रशिया के समान हितसंबंध हैं। साथ ही यह क्षेत्र शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धी का क्षेत्र बने, यह उम्मीद वर्मा ने व्यक्त की थी। इस पृष्टभूमि पर भारत-रशिया की नौसेना का हो रहा यह युद्धाभ्यास अहमियत रखता हैं।

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