केवल हितसंबंध सुरक्षित रखने के लिए अमरीका द्वारा इंडो-पैसिफिक में उक़साऊ कारनामें जारी हैं – चीन के रक्षामंत्री का अमरीका को प्रत्युत्तर

सिंगापूर/वॉशिंग्टन/बीजिंग – शनिवार को ताइवान के सागरी क्षेत्र में गश्त कर रहे अमरीका तथा कनाड़ा के युद्धपोतों को बीच में ही रोकने की कोशिश चीन के युद्धपोतों ने की। इस घटना की तीव्र प्रतिक्रिया सिंगापूर में जारी ‘शांग्री-ला’ बैठक में उमड़ी। अमरीका केवल खुद के हितसंबंध अबाधित रखने के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उक़साऊ कारनामें कर रही है, ऐसा ताना चीन के रक्षामंत्री ली शांग्फू ने मारा। उसी समय, अमरीका के उक़साने से अगर अमरीका-चीन संघर्ष भड़क गया, तो पूरी दुनिया को भयानक संकट का सामना करना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी भी चीन के रक्षामंत्री ने दी। शुक्रवार को अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने, ताइवान संघर्ष के मुद्दे पर विनाशकारी परिणामों के बारे में खरी-खरी सुनाई थी। 

इंडो-पैसिफिक में उक़साऊ कारनामेंसिंगापूर में ‘शांग्री-ला डायलॉग सिक्युरिटी समिट’ का आयोजन किया गया है। इस बैठक में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रमुख देशों के रक्षामंत्री एवं वरिष्ठ रक्षा अधिकारी उपस्थित हैं। यह बैठक जारी थी कि तभी शनिवार को अमरीका एवं कनाड़ा के युद्धपोतों ने ताइवान के सागरी क्षेत्र में गश्त करने की घटना सामने आयी। अमरीका के ‘युएसएस चुंग-हून’ और कनाड़ा के ‘एचएमसीएस माँट्रिअल’ इन युद्धपोतों ने ताइवान के सागरी क्षेत्र से प्रवास किया।

अमरीका और कनाड़ा की यह संयुक्त गश्त जारी थी कि तभी चीन के ‘लुयांग थ्री डीडीजी’ इस विध्वंसक ने दोनों युद्धपोतों को वॉर्निंग दी। चीन के विध्वंसक ने अमरिकी युद्धपोत से महज़ १५० यार्डस्‌‍ दूरी पर आकर उसे रोकने की कोशिश की। टक्कर टालने के लिए अमरिकी युद्धपोत ने अपनी रफ़्तार १० नॉटस्‌‍ तक कम की। कनाड़ा के युद्धपोत पर उपस्थित माध्यम प्रतिनिधियों ने इस घटना का चित्रण किया होकर, उसके कुछ फोटोग्राफ्स भी जारी हुए हैं। 

इंडो-पैसिफिक में उक़साऊ कारनामेंअमरीका और कनाड़ा इन दोनों देशों ने चिनी विध्वंसक के बर्ताव को ग़ैरज़िम्मेदाराना तथा ख़तरनाक़ बताया। अमरीका तथा मित्रदेश सागरी यातायात की आज़ादी को अधोरेखांकित करनेवालीं मुहिमें आगे जारी ही रखेंगे, ऐसा भी अमरीका की नौसेना ने अपने निवेदन के ज़रिये स्पष्ट किया। अमरीका और चीन की नौसेनाओं के बीच हुई इस अनबन की गूंजें सिंगापूर की बैठक में सुनाई दीं। चीन के रक्षामंत्री ने अपने भाषण के दौरान, अमरीका की मुहिम यानी उक़सावा होने का खुलेआम आरोप किया।

‘नौसेना अथवा हवाईबल में संघर्ष की स्थिति निर्माण होने के वाक़या चीन की सीमा के नज़दीक ही क्यों होते हैं?’, ऐसा सवाल भी चीन के रक्षामंत्री शांग्फू ने उपस्थित किया। यदि अमरीका और मित्रदेश संघर्ष ना चाहते हैं, तो वे अपने युद्धपोत इस क्षेत्र में ना भेजें, ऐसा मशवरा भी चीन के रक्षामंत्री ने दिया। चिनी रक्षामंत्री के इन आक्रामक बयानों पर अमरीका से भी प्रतिक्रिया आयी।

अमरीका के रक्षा विभाग ने आरोप किया कि एशिया में चीन की गतिविधियाँ अधिक से अधिक ख़तरनाक होती चली जा रही हैं। चीन की हरक़तें अन्य देशों पर दबाव डालनेवालीं साबित हो रही हैं, ऐसा रक्षा विभाग के प्रवक्ता ब्रिगेडिअर जनरल पॅट रायडर ने डटकर कहा। शनिवार को ताइवान के सागरी क्षेत्र में घटित घटना, अमरीका एवं चीन के बीच तनाव की दूसरी घटना है। कुछ दिन पहले अमरीका और चीन के विमानों के बीच भी इसी प्रकार की घटना घटित होने की जानकारी सामने आयी थी।

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