कर्तारपूर संबंधी भारत ने रखे अधिकांश प्रस्ताव पाकिस्तान को मंजूर

लाहोर – कर्तारपूर कॉरिडोर संबंधी भारत ने रखी अधिकांश मांगे पाकिस्तान ने मंजूर की है| भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की इस मुद्दे पर रविवार के दिन बैठक हुई| इस बैठक में भारत ने रखे अधिकांश प्रस्ताव पर पाकिस्तान के शिष्टमंडल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दर्ज की है| इससे पहले हुई बैठक में पाकिस्तान ने भारत ने उपस्थित किए कई मुद्दों के विरोध में भूमिका अपनाई थी| लेकिन, अब पाकिस्तान की भूमिका में हुआ बदलाव स्पष्ट तौर पर दिख रहा है| आर्थिक और अंतर्गत मुद्दों पर पाकिस्तान काफी मुश्किल में फंसा है| ऐसी स्थिति में भारत के मोर्चे पर शांति बनी रहने के लिए पाकिस्तान काफी कोशिश कर रहा है और भारत के साथ बातचीत करने की कडी कोशिशें कर रहा है| कर्तारपूर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान की भूमिका में हुए बदलाव इसी बात से जोडकर देखे जा रहे है|

रविवार के दिन अटारी सीमा पर पाकिस्तान के क्षेत्र में भारत और पाकिस्तान के शिष्टमंडल की बातचीत हुई| इस बैठक में दोनों देशों में ८० प्रतिशत मुद्दों पर सहमति होने की जानकारी पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने दी| जीन २० प्रतिशत मुद्दों पर अभी मतभेद कायम है उस पर अगली बैठक में हल निकाला जाएगा, यह कहकर शेष मांगों को लेकर भी पाकिस्तान सकारात्मक होने के संकेत उन्होंने दिए है|

कर्तारपूर कॉरिडोर का ७० से ८० प्रतिशत काम भारत और पाकिस्तान की पूरा हुआ है| लेकिन, कई अहम मुद्दों पर दोनों देशों में बडे मतभेद होने की बात सामने आ चुकी थी| भारत ने रावी नदी पर कर्तारपूर कॉरिडॉर की ओर जा रहे मार्ग पर पुल का निर्माण करने का प्रस्ताव रखा था| लेकिन, पाकिस्तान इस पुल के निर्माण के लिए तैयार नही था| वहां पर रास्ता बनाने के लिए पाकिस्तान डटकर बैठा था| लेकिन, बारिश के दिनों में नदी का जलस्तर बढने के बाद यह रास्ता बंद होगा| इससे यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं की जान के लिए खतरा भी बन सकता है, यह भारत का कहना था| पाकिस्तान का भारत की मांगों की ओर अनदेखा करना एवं उसे विरोध करने से पाकिस्तान के इरादों पर सवाल खडा हो रहा?था|

लेकिन, रविवार की बैठक में पाकिस्तान ने रावी नदी पर पुल का निर्माण करने के साथ ही अन्य मांगे भी स्वीकारी| इन मांगों पर पाकिस्तान ने पहले विरोध किया था| साथ ही कर्तारपूर कॉरिडॉर से कितने श्रद्धालुओं को पाकिस्तान प्रवेश देगा, इस मुद्दे पर बने मतभेद भी अब दूर होते दिख रहे है|

इस बैठक के एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने वहां पर गुरूद्वारा प्रबंधक कमिटी से खलिस्तानी आतंकी गोपाल चावला को हटाया था| भारत ने वहां पर खलिस्तानी आतंकियों की मौजुदगी पर आपत्ति जताई थी| लेकिन, इन खलिस्तानवादियों को रोकने के लिए पाकिस्तान ने किसी भी प्रकार की कोशिश नही की| ऐसे में पाकिस्तान की भूमिका में अब काफी बडे बदलाव दिखाई दे रहे है| इसके पीछे भारत के साथ बातचीत करने की कोशिश स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.