पाकिस्तान पर ‘वर्ल्ड बैंक’ ने लगाया भारी जुर्माना – दंड के तौर पर ५.९ अरब डॉलर्स भरने के आदेश

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/इस्लामाबाद: पीछले सप्ताह में ही अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की फटकार का सामना करने के बाद अब पाकिस्तान पर नया आर्थिक संकट मंडरा रहा है| ‘वर्ल्ड बैंक’ के प्रमुख अंग ने पाकिस्तान सरकार को ५.९७६ अरब डॉलर्स जुर्माना भरने के आदेश दिए है| अंतरराष्ट्रीय खदान कंपनियों ने बलुचिस्तान में एक खदान के मामले में ‘वर्ल्ड बैंक’ के विवाचक के सामने तकरार दाखिल की थी| इस मामले का फैसला पाकिस्तान के विरोध में आया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की और भी बेईज्जती हुई दिख रही है|

पाकिस्तान में कुछ महीनें पहले सरकार बनानेवाले इम्रान खान ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार करने के लिए बहुतही ज्यादा वादे किए थे| लेकिन, इनमें से एक भी वादा पूरा नही हुआ है, उल्टा प्रचार के दौरान किए वादों से पीछे हटने की नौबत प्रधानमंत्री इम्रान खान पर आ गिरी है| कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर्स का ऋण देने का प्रस्ताव मंजूर किया था| लेकिन, इस कर्ज के बदले में पाकिस्तान को आर्थिक अनुशासन का पालन करना होगा, यह शर्त मुद्राकोष ने रखी है|

इसके साथ ही मुद्राकोष ने पाकिस्तान सरकार को कडी चेतावनी भी दी थी| अनियंत्रित आर्थिक नीति की वजह से ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में है और इसी वजह से पाकिस्तान ने अंतर्गत एवं अन्य देश और वित्तसंस्थाओं से प्राप्त किए हुए कर्ज में बढोतरी हो रही है| यह संकट गंभीर हो रहा है और ऐसे में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम होने से पाकिस्तान के सामने भयंकर आर्थिक संकट होने की चेतावनी मुद्राकोष ने दी थी|

यह फटकार ताजी है और ऐसे में अब वर्ल्ड बैंक के विवाचक ने पाकिस्तान को जुर्माना लगाया है| यह दंड पाकिस्तान अर्थव्यवस्था को और भी बडे संकट में धकेल देनेवाला साबित होगा, यह समझा जा रहा है| वर्ष २०११ में चिली और कनाडा ने संयुक्त तरिके से गठित की हुई ‘टेथिआन कॉपर कंपनी’ ने बलुचिस्तान में ‘रेको दिक’ खदान के लिए प्रस्ताव दिया था| लेकिन, बलुचिस्तान सरकार ने यह प्रस्ताव ठुकराया था| पाकिस्तान के न्यायालय ने भी बलुचिस्तान की सरकार के पक्ष में निर्णय करते हुए इस कंपनी का प्रस्ताव रद्द किया था|

‘टेथिआन कॉपर कंपनी’ ने इस निर्णय के विरोध में ‘वर्ल्ड बैंक’ की ‘इंटरनैशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इन्व्हेस्टमेंट डिस्प्युट’ (आईसीएसआईडी) के सामने तकरार दाखिल की थी| वर्ष २०१२ में दाखिल हुए इस मामले का निर्णय सात वर्षों बाद हुआ है और ‘आईसीएसआईडी’ ने पाकिस्तान सरकार को ५.९ अरब डॉलर्स का जुर्माना भरने के लिए कहा है| पाकिस्तान की आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग आठ अरब डॉलर्स शेष बचे है| इस राशि पर यह देश महीने से ज्यादा समय संभल नही सकता, यह कहा जा रहा है| ऐसी स्थिति में वर्ल्ड बैंक का जुर्माना देना पाकिस्तान के लिए मुमकिन नही होगा, यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है|

लेकिन, ‘वर्ल्ड बैंक’ जैसी अंतरराष्ट्रीय यंत्रणा को चुनौती देना या उसके आदेश से इन्कार करना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानों से भरा हो सकता है| ऐसे में अगले दिनों में पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक या मुद्राकोष से आर्थिक सहायता प्राप्त करने में भी मुश्किलें आ सकती है|

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