उत्तराखंड में धरना निर्माण करके भारत पाकिस्तान में बहने वाली नदियों का पानी मोड देगा – जलसंपदा मंत्री नितिन गडकरी की घोषणा

नई दिल्ली: भारत से पाकिस्तान में बहनेवाली नदियों पर धरना निर्माण करके एवं उसका पानी मोड़कर भारत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं दिल्ली की पानी की समस्या सुलझाने की जानकारी केंद्रीय जलसंपदा मंत्री नितिन गडकरी ने दी है। इनमें से ३ धरने उत्तराखंड में निर्माण किए जाएंगे ऐसा गडकरी ने आगे कहा है। भारत एवं पाकिस्तान में हुए सिंधु पानी वितरण करार के अनुसार दोनों देशों की बैठक २९ मार्च के रोज होने वाली हैं। इसे पहले ही गडकरी ने यह घोषणा करके पाकिस्तान के मुंह का पानी छीन लिया है। भारत अपने हिस्से का पानी तोड़ने का आरोप करके पाकिस्तान ने इसके विरोध में अंतरराष्ट्रीय लवादा की तरफ दौड़ की है।

धरना निर्माण

भारत से पाकिस्तान में बहनेवाली नदियों में तीन धरने निर्माण होने वाले हैं। इन धरनों द्वारा नदियों का पानी रोककर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं दिल्ली कि पानी समस्या सुलझाने पर सरकार जोर देने वाली है। इन धरनों की वजह से यमुना के पानी का असर बढ़ेगा तथा बारिश में यमुना का पानी अधिक तादाद में रोका जाएगा, ऐसा गडकरी ने कहा है। यह बात भारत एवं पाकिस्तान में १९६८ वर्ष में हुए सिंधु जल वितरण करार के अंतर्गत संभव होने की गवाही गडकरी ने दी है। दौरान गुरुवार को भारत एवं पाकिस्तान में सिंधु जल वितरण करार के अनुसार चर्चा संपन्न होने वाली है और उसके लिए पाकिस्तान के प्रतिनिधि भारत में आने वाले हैं। इन दोनों देशों में होने वाले इस करार में यह ११४वी चर्चा होने की बात कही जा रही है।

भारत पाकिस्तान के साथ इस करार का पालन नहीं कर रहा और हमारे हिस्से का पानी तोड रहा है, ऐसा आरोप पाकिस्तान ने किया है। यह प्रश्न पाकिस्तानी अंतरराष्ट्रीय लवादा इस सामने प्रस्तुत किया था तथा जागतिक बैंक को इस विवाद में खींचने के का पाकिस्तानी प्रयत्न किया है। पर इस विवाद में मध्यस्थ की तौर पर पाकिस्तान की मांग जागतिक बैंक ने ठुकराई है और दोनों देशों ने समझौते से यह विवाद सुलझाये, ऐसी सलाह जागतिक बैंक ने दी है। तथा लवादा ने इस मामले में भारत का पक्ष उठाई धारा है और भारत पाकिस्तान के हिस्से का पानी नहीं रोक रहा है, ऐसा बयान दिया है। उस समय भारत पर अपनी पानी चुराने का आरोप करनेवाला पाकिस्तान प्रतिवर्ष बड़ी तादाद में नदियों का पानी समंदर में जाने दे रहा है, ऐसा उल्लेख करके अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने उस पर नाराजगी व्यक्त की थी।

उसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर दोषारोप करने का सत्र कायम किया था। भारत ऐसे ही रुप से पाकिस्तान का पानी तोड़ता रहा, तो पाकिस्तान रेगिस्तान बन जाएगा, ऐसा इशारा इस देश के कई विश्लेषक कर रहे हैं। कई वर्षों पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने इस प्रश्न पर भारत को युद्ध की धमकी दी थी। पर पाकिस्तान के इन धमकियों की परवाह न करते हुए, भारत ने जम्मू कश्मीर तथा अन्य जगह पर नदियों पर धरण निर्माण किए थे।

सन २०१६ में जम्मू कश्मीर के उरी में लष्कर के तल पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को रक्त एवं पानी एक ही समय पर नहीं बह सकते, ऐसा इशारा दिया था। अब उत्तराखंड में तीन धरने निर्माण करने की घोषणा करके भारत इस संदर्भ में अपनी भूमिका अधिक कठोर करने के संकेत दे रहा है।

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