भारत में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उत्पादन ३०० अरब डॉलर्स तक बढाएंगे – केंद्रीय मंत्री अश्‍विनी वैष्णव

नई दिल्ली – इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने मंत्रालय के विज़न डॉक्युमेंट का दूसरा खंड प्रसिद्ध किया। इस में सब २०२६ तक देश में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का उत्पादन ३०० अरब डॉलर्स तक ले जाने का ध्येय पेश किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के निर्माण के पावर हाऊस के रूप में भारत का स्थान हासिल करने का उद्देश्य सामने रखते हुए इसका ब्यौरा इस विज़न डॉक्युमेंट में प्रस्तुत किया गया।

Electronic-production-vaishnavइस बौरे में अगले पांच वर्षों के कार्यक्रम की योजना बनाई गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में उत्पादन भीषण पैमाने पर बढाने की तथा निर्यात करने का ध्येय भी, इसके अनुसार पेश किया गया है। फिलहाल भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में उत्पादन ७५ डॉलर्स का है। इसमें बहुत अधिक बढोतरी करके सन २०२६ तक इसे ३०० अरब डॉलर्स तक बढाया जाएगा। इसमें मोबाईल, लैपटॉप, टैब्लेट्स, आदि समेत कंज़्युमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स तथा स्ट्रैटजिक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का समावेश कहा गया है।

इसकी वजह से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में उपकरणों के निर्माण का वैश्विक स्तर पर पावरहाऊस बनेगा, ऐसा विश्वास अश्विनी वैष्णव ने व्यक्त किया। फिलहाल भारत में सालभर में लगभग ३० अरब डॉलर्स इतन पैमाने में मोबाईल्स का उत्पादन होता है। इसका प्रमाण १०० अरब डॉलर्स तक बढाया जाएअगा, ऐसा वैष्णव ने आगे कहा। भारत इस क्षेत्र में कुल १५ अरब डॉलर्स तक सालाना निर्यात करता है। सन २०२६ तक यह निर्यात १२० अरब डॉलर्स तक बढाए जाने की महत्वाकांक्षा वैष्ण्व ने व्यक्त की।

सन २०२५-२६ तक भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की मांग १८० अरब डॉलर्स तक बढेगी, ऐसा इस विज़न डॉक्युमेंटेशन में उल्लेखित किया गया है। यह अवास्तव दावा नहीं है, ऐसा नैशनल पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक्स (एनपीई) ने कहा है। तो, भारत में ही बहुत बडी मांग होते हुए भारत बहुत समय तक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के उपकरणों का आयात करता रहा है, मगर अब इसका देश में ही निर्माण करने के लिए भारत ने तेज़ी से कदम उठाया हुआ दिख रहा है।

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