अफगानियों के लिए भारत की सहायता पहुंचाने का मार्ग खोलने हेतु पाकिस्तान तैयार

नवी दिल्ली – अवरोध करके और आनाकानी करके भारत द्वारा अफगानिस्तान को पहुंचाया जानेवाला ५० हजार मेट्रिक टन गेहूं का मार्ग रोकनेवाले पकिस्तान ने अब सहकार्य करने के लिए तैयार है। इसलिए अटारी-वाघा सीमा से भारत यह गेहूं अफगानी जनता तक पहुंचा पाएगा। इस पर दोनों देशों की सहमती होने का दावा किया जा रहा है। पकिस्तान ने जब यह सहायता रोक रखी थी तब भारत ने तीन बार अफगानी जनता के लिए हवाई मार्ग से वैद्यकिय सहायता पहुंचाई थी। और इराण के छबहार बंदरगाह के जरिए गेहूं पहुंचाने की तैयारी भी भारत ने कर ली थी।

disrupts-Pakistan-Afghaतालिबनी हुकूमत को अब भी अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है, इसलिए अफगानी जनता को सहायता प्रदान करना सभी देशों के लिए मुश्किल हो गया है। इसलिए अफगानियों को भूखेपेट सोना पड रहा है और जाडों में लाखों अफगानी इसकी वजह से मर सकते हैं, ऐसा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने आगाह किया था। पाकिस्तान ने भी अफगानी जनता की सहायता करने का आव्हान अंतरराष्ट्रीय समूदाय से किया तो था, मगर वास्तव में भारत ने अफगानिस्तान के लिए घोषणा किए हुए लगभग ५० हजार मेट्रिक टन गेहूं की पूर्तता पाकिस्तान ने रोक रखी थी।  

इस गेहूं को पहूंचाने के लिए भारत को मार्ग ना देकर अवरोधन की धारणा पाकिस्तान ने अपनाई थी। अफगानी जनता तक भारत की सहायता पहुंचेगी तो अफगानिस्तान पर भारत का अधिक प्रभाव पडेगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान को होने लगी थी। पर इस संदर्भ में तालिबान द्वारा डाले गए दबाव के कारण पाकिस्तान को भारत का प्रस्ताव मानना पडा। फिर भी पाकिस्तान ने इसके लिए भारत के समक्ष शर्तें रखीं थी।

मगर ईरान भारतद्वारा आपूर्ति किए जानेवाला यह गेहूं अपने छाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानियों तक पहुंचाने के लिए तैयार हो गया, तब पाकिस्तान को भारत का प्रस्ताव मानना पडा, ऐसा दिख रहा है। पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों ने ही अपने देश की धारणाओं की टीका की थी। अफगानियों के लिए सहायता का आव्हान करने वाला पाकिस्तान भारत की सहायता को रोककर खुद को ही झूठा साबित कर रहा है, ऐसी बात इन पत्रकारों ने उनके ध्यान में लाई थी।

इस पृष्ठभूमि पर, दो दिन पूर्व पाकिस्तान ने घोषित किया था कि, इस संदर्भ में हम भारत के प्रस्ताव का इन्तज़ार कर रहे हैं।

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