इस्रायल के प्रधानमंत्री भारत का दौरा करेंगे

नवी दिल्ली/जेरूसलेम – भारत और इस्रायल के बीच राजनैतिक संबंधों को ३० वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भारत का दौरा करेंगे। भारत में इस्रायल के राजदूत नोर गिलॉन ने यह जानकारी दी। इस्रायल के प्रधानमंत्री के इस भारत यात्रा की वजह से दोनों देशों के अगले ३० वर्षों के सहकार्य को आकार देने के लिए उत्तम अवसर आया है, ऐसा राजदूत गिलॉन ने कहा।

इस्रायल के प्रधानमंत्रीभारत-इस्रायल के राजनैतिक संबंधों को तीन दशक पूरे हो रहे हैं और इस अवसर से वेबिनार का आयोजन किया गया था। इसमें दोनों देशों के सहकार्य के बोधचिन्ह प्रदर्शित किए गए। इस अवसर पर बोलते हुए राजदूत गिलॉन ने प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भारत पधारने की जानकारी दी। भारत एवं इस्रायल के संबंध अन्य देशों की तरह सर्वसामान्य स्तर के नहीं हैं, बल्कि यह दोनों प्राचीन सभ्यता के मैत्रीपूर्ण सहकार्य होने का दावा राजदूत गिलॉन ने किया।

यह समय दोनों देशों द्वारा पाई गई सफलता मनाने का है। तो अगले ३० वर्षों के लिए दोनों देशों के संबंधों को आकार देने के लिए यह उत्तम मौका साबित हो सकता है, ऐसा कहकर राजदूत गिलॉन ने प्रधानमंत्री बेनेट के दौरे का महत्व रेखांकित किया। भविष्य में भारत एवं इस्रायल के सभी क्षेत्रों पर सहकार्य अधिकाधिक निखरता जाएगा, ऐसा विश्वास गिलॉन ने व्यक्त किया।

पिछले वर्ष भारत के परराष्ट्रमंत्री एस.जयशंकर ने इस्रायल का दौरा किया था। तब उन्होंने इस्रायल के प्रधानमंत्री को भारत पधारने का आमंत्रण दिया था।

इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड बिन गुरियान ने भारत एवं इस्रायल की राष्ट्रीय आंदोलन एक-दूसरे से जुडी हुई होने की बात कही थी। इसकी याद गिलॉन ने दिलाई। तो, गुरियन को महात्मा गांधी के प्रति गहरी आत्मियता थी। उनके घर में महात्मा गांधीजी का फोटो था, ऐसा इस्रायली राजदूत ने कहा। तो इस वेबिनार में भारत के इस्रायल में राजदूत संजीव सिंगला ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सन २०१७ में किए गए इस्रायल दौरे की याद दिलाई।

भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे को पांच वर्ष पूरे हो रहे हैं, ऐसा कहकर इस दौर में दोनों देशों का धारणात्मक सहकार्य विशेष ऊंचाई तक पहुंचने की बात सिंगला ने कही। मात्र भारत और इस्रायल का सहकार्य केवल व्यापार एवं आर्थिक सहकार्य तक ही सीमित नहीं है। दोनों देश प्राचीन विरासत से सांस्कृतिक दृष्टिकोण एक-दूसरे से जुडे हुए हैं। भारत में यहूदी कई शताब्दियों से बसे हुए हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति को अधिक समृद्ध करने में योगदान दिया है, ऐसा राजदूत सिंगला ने आगे कहा।

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