इथियोपिया के प्रधानमंत्री का तिगरे के विद्रोहियों को निर्णायक इशारा

आदिस अबाब – तिगरे प्रांत के विद्रोही शांति की राह अपनाकर ७२ घंटों में आत्मसमर्पण करें, ऐसा निर्णायक इशारा इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबि अहमद ने दिया हैं। बागी गुटों के सामने अब पीछे हटने के अलावा अन्य विकल्प बचा नही हैं, यह इशारा भी प्रधानमंत्री अहमद ने दिया हैं। प्रधानमंत्री के इस इशारे से पहले इथियोपिया की सेना ने भी तिगरे की राजधानी मेकेले के नागरिकों को जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकाने पर स्थानांतरित करने का आवाहन किया हैं। सेना के इस आवाहन पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने नाराज़गी व्यक्त की हैं और नागरिकों की सुरक्षा का ज़िम्मा सरकार और सेना का होने का अहसास भी कराया हैं।

ethiopia-tigareyअफ्रिका के शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक होनेवाले इथियोपिया में बीते कुछ वर्षों से वांशिक संघर्ष हो रहा हैं। वर्ष २०१८ में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद देश का नियंत्रण पानेवाले प्रधानमंत्री अबि अहमद ने यह संघर्ष कम करने के लिए कदम उठाने का आश्‍वासन दिया था। पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ जारी संघर्ष रोककर शांति समझौता करनेवाले अबि अहमद देश के अंदरुनि संघर्ष का भी हल निकालेंगे, यह उम्मीद व्यक्त की गई थी। लेकिन, असल में प्रधानमंत्री अहमद ने तिगरे में आक्रामक लष्करी मुहीम शुरू करके नए लंबे समय के संघर्ष की शुरूआत की हैं, यह समझा जा रहा हैं।

ethiopia-tigareyइथियोपिया में वर्ष १९७०-८० के दशक में कम्युनिस्ट हुकूमत का तख्ता पलट करने में तिगरे प्रांत के विद्रोहियों ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद वर्ष १९९१ से २०१८ के दौरान इथियोपिया की सरकार और सेना पर तिगरे प्रांत का बड़ा वर्चस्व बना रहा। लेकिन, वर्ष २०१८ में प्रधानमंत्री अहमद के नेतृत्व में गठित हुई सरकार में शामिल होने से तिगरे प्रांत के गुटों ने इन्कार किया था। तभी से लगातार सरकार और तिगरे प्रांत के बीच संघर्ष हो रहा हैं। इस महीने के शुरू में प्रधानमंत्री अहमद ने व्यापक मुहीम शुरू करके यह संघर्ष खत्म करने का वादा किया था।

ethiopia-tigareyबीते तीन हफ्तों में सरकार और विद्रोहियों के बीच हो रहें संघर्ष में सैकड़ों की मौत हुई हैं और ३० हज़ार से अधिक नागरिक विस्थापित हुए हैं। सरकार ने तिगरे के कई अहम शहरों पर कब्जा किया हैं। लेकिन इसके बावजूद सरकार को निर्णायक सफलता प्राप्त नही हो सकी हैं। सेना सफलता का दावा कर रही हैं, फिर भी तिगरे प्रांत के बागियों ने पीछे हटने के कोई भी संकेत या प्रस्ताव नही दिया हैं।

इस कारण प्रधानमंत्री अहमद ने निर्णायक जंग का इशारा दिया हैं, यह बात उनके बयान से दिख रही हैं। लेकिन, तिगरे के विद्रोहियों को होनेवाला युद्ध का अनुभव एवं सुदान जैसें देश के गुप्त रूप से प्राप्त हो रही सहायता का विचार करें तो इथियोपिया की सरकार को जल्द कामयाबी प्राप्त होने की संभावना कम होने के दावे विश्‍लेषक कर रहे हैं। तिगरे के विद्रोही इथियोपिया के अन्य प्रांतों में हमलें कर रहे हैं, इस ओर भी विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया हैं।

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