जिम्बाब्वे में सरकार विरोधी प्रदर्शन रोकने के लिए सेना की तैनाती

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहरारे/बुलावायो: ईंधन और जरूरी सामान की किंमतों में हुई बढोतरी और कैश की हो रही किल्तत के कारण जिम्बाब्वे में महंगाई सीधे १७५ प्रतिशत तक जा पहुंची है| इस महंगाई के लिए सरकार ने अपनाई गलत नीति जिम्मेदार होने का आरोप करके ‘मुव्हमेंट फॉर डेमॉक्रॅटिक चेंज’ इस दल ने आक्रामक प्रदर्शन शुरू करने की तैयारी की है| लेकिन, सरकार ने भी यह प्रदर्शन कुचलने की तैयारी शुरू की है और इसके लिए राजधानी हरारे और बुलावायो शहर में सेना तैनात करने की जानकारी सामने आ रही है|

जिम्बाब्वे में वर्ष २०१७ में तानाशाह रॉबर्ट मुगाबे की करीबन चार दशकों से बनी हुकूमत का तख्तापलट करवाया गया था| उनकी जगह एमर्सन मनान्गाग्वा ने राष्ट्राध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी| सत्ता प्राप्त करते समय मनान्गाग्वा ने देश की जनता को आर्थिक स्थिरता का भरोसा दिया था| लेकिन, सच्चाई यही है की पिछले डेढ वर्षों में जिम्बाब्वे की अर्थव्यवस्था की औ भी गिरावट हुई है|

राष्ट्राध्यक्ष मनान्गाग्वा ने सत्ता संभालने के बाद पिछले वर्ष के आखिरी दिनों में ईंधन के दामों में १०० प्रतिशत बढोतरी की थी| इसके विरोध में हुए प्रदर्शन खतम करने में सरकार कामयाब हुई थी| लेकिन, ईंधन के दामों में हुई बढोतरी के साथ ही जरूरी सामान के दामों में काफी बढोतरी हुई| दंवाईयां, अनाज की कमी और नगद की किल्लत जैसी समस्या से जिम्बाब्वे की अर्थव्यवस्था का संकट और भी गहरा हुआ| देश में महंगाई का दर सीर्फ एक वर्ष में ४२ प्रतिशत से १७५ तक जा पहुंचा है और इससे जनता के मन में बने असंतोष का विस्फोट हुआ है|

जिम्बाब्वे के विपक्षी दल ‘मुव्हमेंट फॉर डेमोक्रॅटिक चेंज’ ने महंगाई और अन्य आर्थिक समस्याओं के लिए सरकार की गलत नीति जिम्मेदार होने का आरोप रखा है| सरकार की नीति और दबावतंत्र के विरोध में इस विपक्षी दल ने बडे प्रदर्शनों की तैयारी शुरू की है और पिछले सप्ताह में राजधानी हरारे में हुए प्रदर्शन उसी का हिस्सा समझा जा रहा है| हरारे के प्रदर्शनों के दौरान हजारों की संख्या में नागरिक शामिल हुए थे| सुरक्षा यंत्रणाओं ने उनके विरोध में आक्रामक कार्रवाई करते समय जोरों से लाठी हमला एवं आंसु गैस के गोलों का इस्तेमाल किया|

इस कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी जख्मी हुए है और कुछ लोगों को सुरक्षा यंत्रणाओं ने गिरफ्तार करके जेल में बंद किया है| लेकिन, इसके बावजूद विपक्षी दल ने देश के दुसरे स्थान के शहर के तौर जाने जा रहे बुलावायो में बडे प्रदर्शनों का आयोजन किया था| सरकार और अदालत ने इन प्रदर्शनकारियों को अनुमति देने से इन्कार किया है, फिर भी विपक्षी नेताओं ने प्रदर्शन करने के निर्णय पर कायम होने की बात स्पष्ट की|

बुलावायो में बडी संख्या में सेना एवं हथियारी पुलिस तैनात किए गए है और केंद्रीय स्थान की ओर जानेवाले सभी रास्ते बंद किए गए है| पुलिस अब लोगों से रास्तों पर उतरकर प्रदर्शनों में शामिल ना होने का निवेदन कर रही है| सुरक्षा यंत्रणाओं ने कुछ प्रदर्शक और नेताओं को हिरासत में लेने की बात भी कही जा रही है| सरकार की इस तैयारी के बाद भी प्रदर्शन हुए तो हिंसा होने की और जिम्बाब्वे जैसा देश फिर एक बार अस्थिरता की दिशा में धकेला जाएगा, यह डर व्यक्त किया जा रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.