चीन ‘झिंजिआंग’ की सुरक्षा के लिए दिवार बनाने की तैयारी में

काशगर/बीजिंग: चीन के झिंजिआंग प्रान्त में आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए ‘सुरक्षा दिवार’ खड़ी करने की गतिविधियाँ शुरू हुई हैं। झिंजिआंग के गवर्नर शोहरत झाकिर ने चीनी दैनिक को दिए इंटरव्यू में यह वक्तव्य किया है। चीन सरकार की तरफ से पिछले कुछ वर्षों में नियमित रूप से झिंजिआंग प्रान्त के इस्लामधर्मी उघुरवंशियों के खिलाफ आक्रामक उपाययोजनाएं की जा रहीं हैं और यह नयी गतिविधियाँ उसीका एक हिस्सा हैं।

‘झिंजिआंग प्रान्त के सीमा इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कठोर करके सुरक्षा की फौलादी दिवार खड़ी करने के लिए कोशिश की जाने वाली है। प्रान्त के सीमा इलाके की सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कमी न रहे इसका खयाल रखा जाएगा। प्रान्त के महत्वपूर्ण हिस्से सुरक्षित रहेंगे, इसकी जाँच की जाएगी। सीमा इलाके में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा और सड़कें व अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा’, ऐसा झिंजिआंग के गवर्नर शोहरत झाकिर ने स्पष्ट किया है।

चीन का पश्चिमोत्तर प्रान्त झिंजिआंग में लगभग एक करोड़ उघुरवंशी वास्तव्य कर रहे हैं। आठ देशों के साथ सीमा जुड़े इस स्वायत्त प्रान्त में ‘तुर्की’ वंशीय नागरिकों की संख्या ज्यादा है और उनकी संस्कृति चीन से अलग है। कई शतकों से उघुरवंशी और चीन के सत्तारूढ़ के बीच झगड़े हो रहे हैं और चीन की तरफ से उसपर नियंत्रण पाने के लिए सभी स्तरों से कठोर कोशिशें की जा रहीं हैं।

पिछले कुछ दशकों से इस प्रान्त में ‘ईस्ट तुर्कस्तान इंडिपेंडेंस मूवमेंट’ यह संगठन कार्यरत है। इस संगठन ने उघुरवंशियों के लिए स्वतंत्र देश की माँग की है। कई देशों ने इस संगठन को आतंकवादी संगठन का दर्जा दिया है। चीन के सत्तारूढ़ की तरफ से भी इस संगठन के खिलाफ नियमित रूपसे मुहीम जारी हैं। लेकिन फिर भी संगठन की कार्रवाइयां शुरू हैं ऐसा कहा जा रहा है। इन कार्रवाइयों के आधार पर चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट राजवट ने झिंजिआंग की सुरक्षाव्यवस्था कड़क करने के लिए विविध उपाययोजनाएं हाथों में ली हैं।

सुरक्षा के ‘ग्रेट वॉल’ के बारे में गवर्नर झाकिर ने किया हुआ वक्तव्य भी उसीका ही एक हिस्सा दिखाई दे रहा है। पिछले साल से झिंजिआंग में सुरक्षाव्यवस्था कड़क करने के लिए स्थानीय नागरिकों का ‘डीएनए’ प्राप्त करना, ‘बायोमेट्रिक’ जानकारी इकठ्ठा करना, दैनंदिन धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबन्ध लगाना, जैसे उपाययोजनाओं का कार्यान्वयन शुरू हुआ है। उसीके साथ साथ कुछ दिनों पहले ही झिंजिआंग की राजधानी काशगर और अन्य महत्वपूर्ण इलाकों में बड़े पैमाने पर निगरानी रखने वाले कैमरे लगाए जा रहे हैं। ‘फेसिअल रेकग्निशन सिस्टम प्रोजेक्ट’ की कार्यवाही भी शुरू हुई है।

इन माध्यमों से स्थानीय नागरिकों के बारे में जानकारी का ‘डेटाबेस’ तैयार किया जा रहा है। अगर कोई व्यक्ति विशिष्ट अंतर के बाहर जाता है तो सुरक्षा यंत्रणाओं को ‘अलर्ट’ दिया जाता है। इस वजह से स्थानीय उघुरवंशियों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखने की कोशिशें सामने आईं हैं। सन २०१३ और २०१४ में झिंजिआंग प्रान्त में बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमले और हिंसा की घटनाएं घटी हैं। पिछले साल में झिंजिआंग में हिंसा अथवा बड़ी आतंकवादी घटना नहीं घटी है। फिर भी चीन की सत्तारूढ़ राजवट ने ‘आयएस’ के आतंकवादी झिंजिआंग प्रान्त में दाखिल हुए हैं और कार्रवाई शुरू करने की आवश्यकता है, ऐसा दावा करके अतिरिक्त सुरक्षा यंत्रणा तैनात करने की तैयारी शुरू की है।

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