‘पीओके’ की जनता को भारत में शामिल होना है – ‘यूएनएचआरसी’ में ‘पीओके’ के कार्यकर्ता का बयान

संयुक्त राष्ट्रसंघ – ‘पीओके’ की जनता पाकिस्तान के शिकंज़े से छूटने की कोशिश कर रही है। वहां की जनता को जम्मू-कश्‍मीर और लद्दाख में शामिल होना है, ऐसा बयान ‘पीओके’ के कार्यकर्ता डॉ.अमजद अयुब मिर्ज़ा ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानव अधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में ड़टकर किया। साथ ही उन्होंने पाकिस्तानी सेना ‘पीओके’ की जनता पर कर रहे अत्याचार भी बयान किए। ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) के तहत ‘पीओके’ की नदियों का पानी मोड़कर वहां पर पानी की बड़ी किल्लत निर्माण की जा रही है, यह आरोप भी मिर्ज़ा ने किया।

‘यूएनएचआरसी’ ने विदेशियों ने कब्ज़ा किए ‘पीओके’ की समस्याओं की ओर ध्यान देना आवश्‍यक है, यह आवाहन भी मिर्ज़ा ने इस दौरान किया क्योंकि, पाकिस्तान की सरकार झूठी ख़बरें फैलाकर विश्‍व को भ्रमित कर रही है। असल में वहां की जनता का बड़ा उत्पिड़न हो रहा है। पाकिस्तान की सरकार आतंकवाद विरोधी कानून का इस्तेमाल करके अपने विरोध में उठ रही आवाज़ दबा रही है, यह बात मिर्ज़ा ने कही है।

‘पीओके’ की जनता को पाकिस्तान से छुटकारा चाहिए। उन्हें भारत के केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्‍मीर और लद्दाख में शामिल होने की इच्छा है। उन्हें पाकिस्तान से आज़ाद होना है, इस ओर मिर्ज़ा ने संयुक्त राष्ट्रसंघ का ध्यान आकर्षित किया। पाकिस्तान की सेना पीओके में महिलाओं पर अत्याचार कर रही है, यह कहकर मिर्ज़ा ने ‘यूएनएचआरसी’ में पाकिस्तान की पोल खोली।

इसी बीच ‘सीपीईसी’ के तहत निर्माण हो रहे जल बीजली प्रकल्पों के माध्यम से चीन और पाकिस्तान ‘पीओके’ की नदियों का पानी मोड़ रहे हैं। इससे ‘पीओके’ में पानी की बड़ी किल्लत निर्माण हो रही है। इन प्रकल्पों की वजह से ‘पीओके’ के पर्यावरण का भी नुकसान हो रहा है, यह आरोप मिर्ज़ा ने लगाए। इसके खिलाफ़ पीओके की जनता लगातार प्रदर्शन कर रही है। लेकिन, पाकिस्तान की सरकार यह प्रदर्शन कुचल रही है, यह बात भी मिर्ज़ा ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में ड़टकर रखी।

बीते कुछ दिनों में ‘पीओके’ की जनता के मन में चीन और पाकिस्तान के खिलाफ़ पनप रहा गुस्सा बढ़ रहा है। पाकिस्तान ‘पीओके’ के यह प्रकल्प रद करता नहीं तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेंगे, यह भूमिका स्थानीय लोगों ने अपनाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.