पाकिस्तान में समानांतर सरकार देश चला रही है – नवाज़ शरीफ का कड़ा प्रहार

लंदन/कराची – पाकिस्तान काफी अस्थिर है और इस देश में एकसाथ दो समानांतर सरकारें देश चला रही हैं। यह राज्यकर्ता देशहित से अधिक स्वहित को अहमियत दे रहे हैं और इस वजह से देश में धांदली मची हुई है, ऐसा जोरदार प्रहार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने किया है। बीते दो दिनों से सिंध प्रांत में शुरू हुई गतिविधियों पर बयान करते समय शरीफ ने यह प्रतिक्रिया दर्ज़ की। सिंध की राजधानी कराची में गृहयुद्ध जैसी स्थिति निर्माण हुई है और पाकिस्तानी सेना बनाम सिंध पुलिस ऐसा संघर्ष जारी है, यह दावा भी किया जा रहा है। लेकिन, पाकिस्तानी सेना के नियंत्रण में होनेवाली पाकिस्तानी माध्यम इससे संबंधित खबरें प्रसिद्ध नहीं कर रहे हैं, यह आरोप भी हो रहे हैं।

pak-karachi-police-rangersपाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के जमाई कैप्टन सफदार अवान के विरोध में हुई कार्रवाई और इसके लिए सिंध प्रांत के पुलिस प्रमुख के अपहरण की वजह से पाकिस्तान में बड़ी उथल पुथल हुई है। सिंध प्रांत में कई जगहों पर पाकिस्तानी सेना और पुलिस के बीच संघर्ष होने का दावा किया जा रहा है। इस संघर्ष में पाकिस्तानी सेना के सैनिक मारे गए हैं और वहां के लष्करी कमांड ने ‘मार्शल लॉ’ घोषित करने की तैयारी की है, यह आरोप भी होने लगा है। पाकिस्तान में बनी इस स्थिति पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तान की इम्रान सरकार और सेना पर हमले किए हैं।

‘पाकिस्तान में अराजकता फैली है, यह साबित करने के लिए इसके आगे अतिरिक्त सबूतों की आवश्‍यकता नहीं रही। सफदार के साथ जो कुछ हुआ उससे सुसंस्कृत समाज और समाजव्यवस्था के सभी नियम कुचले गए हैं। पाकिस्तान की सेना ने देश का जनतंत्र और जनतंत्र की संस्था को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। इसके आगे पाकिस्तान का भविष्य क्या होगा, इस बात का कोई भरोसा नहीं रहा’, यह अफसोस भी नवाज़ शरीफ ने व्यक्त किया। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना की इस आक्रामकता के विरोध में सिंध पुलिस ने अपनाई भूमिका का शरीफ ने समर्थन किया है। साथ ही सिंध पुलिस ने सेना की कार्रवाई पर किया विरोध अन्य संस्थाओं के लिए एक आदर्श है और वे भी इसी तरह अमल करें, यह सुझाव शरीफ ने रखा है।

सिंध पुलिस दल के वरिष्ठ अधिकारियों के निचले पद के सैनिकों तक अधिकांश कर्मियों ने इस्तीफा देने की तैयारी की है, यह दावे किए जा रहे हैं। केवल इस्तीफा ही नहीं बल्कि, सिंध पुलिस ने सेना के विरोध में मोर्चा खोलने की तैयारी करने के इशारे भी दिए जा रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान की सरकार और सेना ने माध्यमों पर प्रतिबंध लगाने की वजह से शरीफ का भाषण पाकिस्तान में प्रसारित नहीं हुआ और सिंध की सच्चाई विश्‍व के सामने नहीं आ रही है, यह आरोप भी हो रहे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान की सेना जनता के मन में उठ रहा विरोध कुचलने की जितनी कोशिश करेगी उतना ही गुस्सा तेज़ी से बाहर निकलेगा, यह इशारे पाकिस्तान के विपक्षी नेता दे रहे हैं।

इसी बीच, सिंध प्रांत में हो रही इस कार्रवाई का असर पाकिस्तान की सेना पर भी होने का दावा किया जा रहा है। पाकिस्तानी सेना की सिंध रेजिमेंट में नाराज़गी फैली है और कुछ सैनिकों ने सीमा पर तय अपनी ज़िम्मेदारी छोड़टकर वापस लौटना शुरू किया है, ऐसा भी कहा जा रहा है। पाकिस्तान की सरकार और सेना ने यह दावे ठुकराए हैं और भारतीय माध्यम झूठी ख़बरें फैला रहे हैं, यह आरोप किया है। लेकिन, सिंध प्रांत में इतनी अस्थिरता निर्माण होने के बावजूद सेनाप्रमुख जनरल कमर बाजवा शीघ्रता से सीमा क्षेत्र पर क्यों पहुँचे, इस सवाल का पाकिस्तानी राज्यकर्ताओं से संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं हो सका है। तभी, पाकिस्तानी सेना की कमांड फोर्स स्थापित करने में अहम भूमिका निभानेवाले निवृत्त जनरल गुलाम मुश्‍तफा ने भी देश में बने मौजूदा हालात का असर सेना और पुलिस अधिकारियों, सैनिकों के मनोबल पर पडेगा, यह इशारा एक वृत्त चैनल से बोलते समय दिया है।

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