अरुणाचल प्रदेश से लापता युवक मिलने का चीन का दावा – भारत को सौंपने के लिए तैयार

नवी दिल्ली – अरुणाचल प्रदेश के एलएसी से गायब हुए युवक के मिलने की बात चीनी लश्कर ने कही। उसे भारत को सौंपने की प्रक्रिया जारी होने की जानकारी चीनी लश्कर द्वारा दिए जाने के दावे किए जा रहे हैं। चीनी लश्कर ने ही इस युवक का अपहरण किया था, ऐसा आरोप लगाया जा रहा है। मगर चीन ने यह आरोप ठुकराया है। तो इस लापता युवक का इस्तेमाल करके चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर फिर से आपना दावा किया है।

लापता युवकमिरान तोरान नामक युवक १८ जनवरी के दिन अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले के पास से लापता हो गया था। मिरान के मित्र जॉनी येईंग ने स्थानिक यंत्रणा को दी गई जानकारी के अनुसार चीनी सेना ने मिरान का अपहरण किया था। तिब्बत में भारत में भारत बहनेवाली सैंग्पो नदी के पास से यह अपहरण होने की जानकारी येईंग ने दी। इस नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग नाम से जाना जाता है, तो देशभर में इस नदी को ब्रह्मपुत्रा के नाम से जाना जाता है। भारतीय सेना ने मिरान को खोजना शुरु किया था। तो चीनी सेना से भी पूछताछ कि गई।

चीनी सेना द्वारा मिरान के अपहरण किए जाने की खबरें भारतीय माध्यमों में प्रसिद्ध हुई थीं। चीन के परराष्ट्र मंत्रालय ने कहा था कि इस घटना उन्हें कोई जानकारी नहीं है। तो इसके कारण चीन के परराष्ट्र मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश चीन का भूभाग होने का दावा करने का मौका साधा। परंतु भारत ने इस बात की ओर ध्यान नहीं दिया, इसलिए यह विवाद बढाने की चीन की कोशिश असफल रही। तो भारतीय सेना ने भी यह प्रक्रिया शांति से करने की वजह से विवाद बढाकर भारत को दिक्कत में डालने का चीन की दांव असफल रहा।

अब चीनी सेना कह रही है कि, मिरान उन्हें मिला है। बहुत जल्द इस युवक को भारतीय सेना के हवाले किया जाएगा। इसके लिए जरुरी प्रक्रिया जारी होने की बात चीनी सेना ने कही है। इसलिए फिर से चीन भारत के खिलाफ मानसिक दबाव का इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। भारत में खलबली मचाने की चीन की कोशिशें जारी हैं, ऐसा दिख रहा है। मात्र भारत सरकार तथा सेना ने चीन का यह दांव पहचानकर इस प्रक्रिया को बडे संयम से पूरा किया।

सन २०२० में चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के सुबानसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण किया था। तत्पश्चात हफ्तेभर में उन्हें छोडा गया था। इसलिए ऐसी खुरापाती कार्यवाहियां करके चीन भारत पर दबाव डालने की कोशिश इससे पहले भी करता रहा है। दोनों देशों के बीच सीमारेखा अच्छी तरह से खींची नहीं गई है। इसका लाभ उठाकर चीनी सेना लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक की एलएसी पर घुसपैठ करने की कोशिश करती है। इसे टालने के लिए भारत ने चीन को सीमारेखा खींचने का प्रस्ताव दिया था, मगर चीन इसके लिए तैयार नहीं है।

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