पाकिस्तान का अफगानी तालिबान के साथ संघर्ष अटल – पाकिस्तान के विश्लेषकों का निष्कर्ष

pak-afghani-taliban-conflictइस्लामाबाद – “अफगाणिस्तान के तालिबान ने कोशिश करने पर भी पाकिस्तान एवं ’तेहरिक-ए-तालिबान’ के बीच मोल तोल कामयाब नहीं हो पाया है। इसलिए अगले दौर में ’तेहरिक’ के साघ मोल तोल संभव नहीं है, अब इस आतंकवादी संगठना पर कठोर कार्यवाही की जाएगी”, ऐसा पाकिस्तान के अंतर्गत सुरक्षामंत्री शेख रशीद ने कहा है। मगर यह दावे करते समय शेख रशीद अफगाणिस्तान के तालिबान के साथ पाकिस्तान के अच्छे संबंध होने का दिखावा करना चाहते हैं। पर वास्तव में तालिबान एवं पाकिस्तान में संघर्ष अटल होने की बात इस राष्ट्र के विश्लेषक कह रहे हैं।

इन दिनों बलोच विद्रोही संगठना ने पाकिस्तान में हमले का सत्र शुरु किया है। बलोचिस्तान के कुछ हिस्सों में तथा पंजाब प्रांत में भी बलोच विद्रोहियों ने विस्फोट तथा हमले करने का दावा किया था। मगर इस विद्रोही संगठनों के पास इतनी ताकत नहीं है, इसके पीछे तेहरिक के आतंकी होने का आरोप पाकिस्तान के अंतर्गत सुरक्षमंत्री ने लगाय था। पाकिस्तान में होनेवाले हमलों के तार अफगाणिस्तान और भारत से जुडे के दावे भी शेख रशीद ने किए थे। मगर पाकिस्तान ने ही सत्ता में लाए हुए तालिबान का राज्य अफगाणिस्तान में होते हुए वहां से पाकिस्तान पर हमले का षडयंत्र कैसे रचा जा सकता है, यह सवाल पाकिस्तान के प्रत्रकार तथा माध्यम सरकार से पूछ रहे हैं। 

अफगाणिस्तान तथा पाकिस्तान में भिन्न-भिन्न तालिबान हैं। अफगानी तालिबान पाकिस्तान के मित्र तो पाकिस्तान में ’तेहरिक-ए-तालिबान’ के आतंकवादी अपने दुष्मन होने के दावे किए जा रहे हैं। इसलिए अफगानी तालिबान सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में आतंकी हमले थम जाएंगे, ऐसा तर्क अफगानी तालिबान के समर्थक लगा रहे थे। इसलिए पाकिस्तान अधिक असुरक्षित हो गया है। इस के अलावा अफगानिस्तान-पाकिस्तान में ड्युरंड लाईन सीमा पर तालिबान का पाकिस्तानी सेना के साथ संघर्ष होने की खबरें भी आ रही हैं।

इन सारी बातों का विचार किया जाए तो, अगले दौर में पाकिस्तान का अफगाणिस्तानी तालिबान के साथ संघर्ष अटल है, यह अब पाकिस्तान के विश्लेषक मानने लगे हैं। मगर हमारी ही सहायता से अफगाणिस्तान की सत्ता पर लाए हुए तालिबान के खिलाफ जाना अपने लिए भारी पडेगा, इसका अहसास पाकिस्तान की सेना और सरकार को हो चुका है। ऐसा करने पर अपनी नीति पूरी तरह से गलत साबित होगी इस बातो को पाकिस्तानी सेना तथा सरकार को कबूल करनी पडेगी। इसके अलावा, आर्थिक स्तर पर दुबली बनी पाकिस्तान की सेना में अब अफगानी तालिबान के साथ टक्कर लेने की क्षमता नहीं रही।

इसकी वजह से पाकिस्तान सरकार अफगानी तालिबान के खिलाफ होगी ऐसी बातें नहीं कर रही है। मगर अफगाणिस्तान की सत्ता पाने के बाद तालिबान ने पाकिस्तान की पर्वाह ना करने की नीति अपनाई है। इसका बहुत बडा झटका पाकिस्तान को लगा है और यह राष्ट्र अब तक इससे संभल नहीं पाया है। परंतु, फिलहाल तालिबान के साथ जुडे रहकर तेहरिक के खिलाफ आगबबूला होने के सिवा पाकिस्तान के पास दूसरा चारा नहीं है। अंतर्गत सुरक्षामंत्री शेख रशीद के विधान से यही बात सामने आ रही है।

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