पाकिस्तान ‘एफएटीएफ’ की ग्रे लिस्ट में रहेगा

नई दिल्ली – ‘फायनॅन्शिअल ऍक्शन टास्क फोर्स-एफएटीएफ’ ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में ही कायम रखने का फैसला किया है। आतंकवादियों की आर्थिक घेराबंदी करने के लिए पाकिस्तान ने अभी भी संतोषजनक कार्रवाई नहीं की है, ऐसा बताकर ‘एफएटीएफ’ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने यह फैसला घोषित किया। ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान २७ निकषों की पूर्तता करें, ऐसी चेतावनी एफएटीएफ ने दी थी। उनमें से छः निकषों पर अभी भी पाकिस्तान ने काम नहीं किया है, ऐसा दोषारोपण एफएटीएफ ने किया। ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना मौलाना मसूद अझहर, ‘जमात-उल-दवा’ का सरगना हफीज सईद और झकीउर रेहमान लख्वी इन आतंकियों पर पाकिस्तान ने ना की हुई कार्रवाई का मुद्दा इन छः ऐतराज़ों में है।

pak-gray-list-fatfआतंकवादियों की आर्थिक नाकाबंदी करना टालने वाले देशों पर कठोर कार्रवाई करने के लिए ‘एफएटीएफ’ की स्थापना की गई थी। ऐसी कार्रवाई टालनेवाले देशों को ‘एफएटीएफ’ द्वारा ब्लैक लिस्ट किया जाता है। ऐसे देशों को आन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, जागतिक बैंक तथा एशियन डेव्हलपमेंट बैंक द्वारा कर्जा देने से इन्कार किया जाता है। साथ ही, ब्लैक लिस्ट में समाविष्ट किए गए देशों के व्यापार पर भी बहुत बड़ी मर्यादाएँ आतीं हैं। अभी भी ग्रे लिस्ट में कायम रहने के कारण पाकिस्तान पर का यह संकट फिलहाल तो टला दिख रहा है। जून महीने में होने वाली एफएटीएफ की बैठक में, पाकिस्तान का समावेश ब्लैक लिस्ट में करना है अथवा उसे ग्रे लिस्ट में ही कायम रखना है, इसके बारे में फैसला किया जाएगा, ऐसी घोषणा की गई है।

लेकिन पाकिस्तान के माध्यम यह बताकर खुशी जाहिर कर रहे हैं कि उनके देश को ब्लैक लिस्ट में डालने की भारत की कोशिश नाकाम रही। पाकिस्तान के मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने तो, हमारे देश को ब्लैक लिस्ट में डाला ही नहीं जा सकता, ऐसा दावा किया है।

वही, पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों ने यह जताया है कि ग्रे लिस्ट से अभी भी पाकिस्तान को छुटकारा नहीं मिला है और यह गंभीर बात साबित होती है। आतंकवादी संगठनों के सरगनों पर कार्रवाई करना टालकर, आनेवाले समय में पाकिस्तान एफएटीएफ की कार्रवाई से छुटकारा नहीं पा सकता, ऐसी चेतावनी भी इन पत्रकारों ने दी है।

अमरीका के पत्रकार डॅनिअल पर्ल की हत्या करनेवाले आतंकवादियों की रिहाई करने का फैसला पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में सुनाया था। फ्रान्स जैसे देश ने अपनी अंतर्गत सुरक्षा के लिए किए कुछ कठोर फैसलों पर टिप्पणी करके पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने फ्रान्स की नाराजगी मोल ली थी। मौलाना मसूद अझहर, हफीज सईद तथा झकीउर रेहमान लख्वी इन जैसे मोस्ट वॉंटेड आतंकियों पर पाकिस्तान ने फुटकर अपराध दाखिल किए थे। इन गुनाहों के लिए उन्हें गिरफ्तार करके, आतंकवादियों पर कार्रवाई शुरू है ऐसा बता कर आंखों में धूल झोंकने की कोशिश पाकिस्तान ने की थी। लेकिन इससे आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय और एफएटीएफ प्रभावित होनेवाले नहीं है, यह संदेश पाकिस्तान को मिला है।

आनेवाले समय में अगर ‘आतंकवादपरस्त देश’ यह जागतिक स्तर पर बनी अपनी छवि पाकिस्तान को सुधारनी है, तो उसे आतंकवादियों पर अधिक सख्त कार्रवाई करनी होगी। उसके लिए होनेवाला विरोध मिटाने की तैयारी यदि पाकिस्तान की सरकार ने नहीं दिखाई, तो उसके दुष्परिणाम देश को सहने होंगे, ऐसी चेतावनी कुछ जिम्मेदार पाकिस्तानी पत्रकार दे रहे हैं।

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