रशिया यह अमरीका और नाटो के अस्तित्व के लिए खतरा – अमरीका के युरोपियन कमांड के प्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘आन्तर्राष्ट्रीय स्तर से लगातार होनेवाली आलोचना और आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा रहे होने पर भी, रशिया दुनिया भर में दूसरों को अस्थिर करनेवालीं घातक हरकतें कर रहा है। रशिया द्वारा युरोप में की जा रही हरकतों की व्याप्ति भी बड़ी है। रशिया यह अमरीका और अमरीका के युरोप स्थित मित्रदेशों के अस्तित्व के लिए दीर्घकालीन खतरा है’, ऐसी चेतावनी अमरीका के युरोपियन कमांड के प्रमुख एअरफोर्स जनरल टॉड डी. वोल्टर्स ने दी। अमरीका की ‘एअरफोर्स असोसिएशन’ ने हाल ही में ‘एरोस्पेस वॉरफेअर सिम्पोसियम’ का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में बात करते समय नाटो के लष्करी प्रमुख जनरल टॉड डी. वोल्टर्स ने रशिया को लक्ष्य किया।

nato-russia-us‘सोव्हिएत रशिया के अस्तित्व में होते समय के उसके सदस्य देशों में अपना प्रभाव बरकरार रखने के लिए रशिया की गतिविधियाँ शुरू है। इसके लिए ऐसे देशों में अथवा उनके पास लष्करी तैनाती बढ़ाकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। जागतिक सत्तास्पर्धा के दौर में रशिया निजी लष्करी कंपनियों जैसे अपारंपारिक साधनों का इस्तेमाल कर रहा है। इसका इस्तेमाल अमरीका के मित्रदेश और साझेदारों को धमकाने के लिए, कमकुवत बनाने के लिए और उनमें दरार डालने के लिए किया जाता है’, ऐसा आरोप जनरल वॉल्टर्स ने किया।

इस समय अमरीका के इस वरिष्ठ अधिकारी ने जागतिक सत्तास्पर्धा पर भी गौर फरमाया। वर्तमान समय जागतिक सत्तास्पर्धा का है और इस होड़ का रूपांतरण सत्तासंघर्ष में ना हों, इसके लिए अमरीका को इस दौर में जीतना आवश्यक है, ऐसा जनरल वॉल्टर्स ने डटकर कहा। अमरिकी अधिकारी ने यह भी आरोप किया कि रशिया समेत चीन द्वारा आर्क्टिक क्षेत्र का लष्करीकरण जारी है। इन दो देशों द्वारा आर्क्टिक में जारी कारनामें यह दर्शाते हैं कि युरोपियन कमांड के माध्यम से अमरीका और युरोपिय मित्र देशों की एकता कितनी महत्त्वपूर्ण है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया।

nato-russia-usअमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि उनके कार्यकाल में रशिया द्वारा होनेवाला खतरा यह अहम और प्राथमिकता का मुद्दा रहेगा। बतौर राष्ट्राध्यक्ष विदेशी नीति के बारे में बयान करते हुए, बायडेन ने ऐसा दावा किया था कि वह उनसे पहले के नेता की तरह रशिया के सामने घुटने नहीं टेकेंगे। उसी समय, रशिया जैसा देश हमारा लोकतंत्र ध्वस्त करने के लिए गतिविधियाँ कर रहा है, ऐसा आरोप करके, अमरिकी नेतृत्व को उसके विरोध में सक्रिय होना पड़ेगा, ऐसा भी जताया था।

उसके बाद कुछ ही दिनों में, आर्क्टिक क्षेत्र में रशिया के बढ़ते रक्षा अड्डे और आक्रामक गतिविधियाँ इन पर रोक लगाने के लिए अमरीका ने नॉर्वे स्थित हवाई अड्डे पर ‘बी-१ बॉम्बर्स’ तैनात करने का फैसला किया था। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इस संदर्भ में आदेश दिए होने की बात सामने आई थी। इस पृष्ठभूमि पर, युरोप में नियुक्त प्रमुख अमरिकी अधिकारी ने रशिया के खतरे के बारे में चेतावनी देना, गौरतलब साबित होता है।

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