अमरिका ने पुकारे हुए आतंकवाद विरोधी युद्ध में पाकिस्तान शामिल नहीं होगा – प्रधानमंत्री इम्रान खान के संकेत

इस्लामाबाद – आगे चलकर पाकिस्तान अमरिका के आतंकवाद विरोधी युद्ध में शामिल नहीं होगा, ऐसे संकेत इस देश के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इम्रान खान ने दिए हैं। अमरिका ने पुकारे हुए इस युद्ध में पाकिस्तान का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। वित्त व्यवस्था डूब चुकी है और अपना देश अस्थिर बना है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री इम्रान खान ने आने वाले समय में अमरिका युद्ध के पाकिस्तान से लिए सहयोग नहीं प्राप्त कर सकता, ऐसा दावा किया है। अमरिका के विदेशमंत्री माइक पौम्पिओ सितंबर महीने के पहले हफ्ते में पाकिस्तान को भेंट देने वाले हैं। इसके पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमरिका को दिए संकेत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

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अमरिका ने अफगानिस्तान में पुकारे हुए आतंकवाद विरोधी युद्ध में शामिल होने का निर्णय पाकिस्तान के तत्कालीन हुकुमशाह परवेज मुशर्रफ ने दिया था। उस समय भी इम्रान खान ने उसका विरोध किया था। प्रधानमंत्री पद पर आने के बाद इम्रान खान ने अपनी भूमिका कायम रखी है। उन्होंने हालही में दिए एक मुलाक़ात में पाकिस्तान द्वारा हुई यह गलती वह सुधारेंगे, ऐसा दावा किया है। अमरिका के आतंकवाद विरोधी युद्ध में आगे चलकर पाकिस्तान शामिल होगा क्या? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए इम्रान खान ने हम शांति के लिए अमरिका के पक्ष से खड़े रहेंगे, ऐसा उत्तर दिया है। अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए इम्रान ने अपने अफगानिस्तान की समस्या पर आर्थिक समझौते के लिए प्रयत्न करने का दावा किया है।

अमरिका के युद्ध में शामिल होने के बाद पाकिस्तान को उसकी बहुत बड़ी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ी है। इस युद्ध में पाकिस्तान के अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। इसकी वजह से देश में कट्टरवाद और आतंकवाद के हमले शुरू हुए हैं। आने वाले समय में वह वैसा नहीं होने देंगे। पैसों के बदले में पाकिस्तान से काम कराना यह दिन अब निकल गए हैं, यह अमरिका ने ध्यान में रखना चाहिए, ऐसा इम्रान खान ने मुलाकात में सूचित किया है। अमरिका के विदेश मंत्री ५ सितंबर के रोज पाकिस्तान को भेंट देने वाले हैं। इससे पहले आतंकवाद विरोधी युद्ध के बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट करके प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अमरिका को संदेश देने का प्रयत्न किया है।

उनके इस दावे पर बोलते हुए एक पाकिस्तानी विश्लेषक ने कई आशंकाएं उपस्थित किए हैं। आज तक पाकिस्तानी सरकार ने अमरिका से पैसे लेकर काम क्यों किया है? ऐसा प्रश्न विश्लेषकों ने पूछा है। तथा इम्रान खान ने कितनी भी अभिमानी भूमिका ली है फिर भी पास अफगानिस्तान में बनी परिस्थिति पर अमरिका और पाकिस्तान के संबंध निर्भर होंगे, ऐसे सूचक विधान इन विश्लेषकों ने किए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान आक्रामक बना है और गझनी जैसे अफगानी शहर में लष्कर के साथ तालिबानी आतंकवादियों की मुठभेड़ शुरू है। तालिबान के इस आक्रामकता के पीछे पाकिस्तान के लष्कर और आयएसआय यह संघटना होने का आरोप किया जा रहा है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के विदेश मंत्री पौम्पिओ ने पाकिस्तान ने सभी आतंकवादी गटो पर निर्णायक कार्रवाई की मांग की थी। प्रधानमंत्री इम्रान खान इनके साथ चर्चा में पौम्पिओ ने यह मांग करने की बात अमरिका के विदेश मंत्रालय ने कहीं, पर पाकिस्तान ने यह बात ठुकराई है और आतंकवाद पर चर्चा न होने का दावा किया था।

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