पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में मोबाईल, इंटरनेट सेवा बंद कर दी – अमरीका, ब्रिटेन, कनाड़ा ने अपने नागरिकों के लिए जारी किया अलर्ट

इस्लामाबाद – ‘गिलगित-बाल्टिस्तान’ में पिछले कुछ हफ्तों से शुरू प्रदर्शनों के कारण पाकिस्तानी सेना और कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा ‘आईएसआई’ बड़े खौफ में हैं। पाकिस्तान की सेना हमपर दबाव बनाकर दमन कर रही है, यह आरोप लगाकर स्थानीय नेताओं ने गिलगित-बाल्टिस्तान भारत में विलीन करने की चेतावनी दी थी। पाकिस्तानी सेना लगाए प्रतिबंधों की वजह से स्थानीय माध्यमों ने इसकी खबर जारी नहीं की थी। लेकिन, वहां के प्रदर्शनों के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध होने के बाद पाकिस्तान की सेना ने उस क्षेत्र में मोबाईल इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। इसी बीच इस क्षेत्र में बड़ा संघर्ष शुरू होने की आशंका जताकर अमरीका, ब्रिटेन और कनाड़ा ने अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी करके गिलगित-बाल्टिस्तान जाने से दूर रहने को कहा है।

पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में मोबाईल, इंटरनेट सेवा बंद कर दी - अमरीका, ब्रिटेन, कनाड़ा ने अपने नागरिकों के लिए जारी किया अलर्टपिछले कुछ महीनों से भारत में ‘जी २०’ बैठक का आयोजन किया जा रहा हैं। देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही केंद्रीय प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी कुछ बैठक आयोजित की गई थी। इसके लिए जी २० के सदस्य देशों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। इस दौरान स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस क्षेत्र का किया गया विकास, वहां के नागरिकों को प्राप्त हो रहा रोजगार और वहां पर हुई समृद्धी के मुद्दे पर ‘जी २०’ के प्रतिनिधि एवं विदेशी पत्रकारों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं बयान किए थे।

इसके वीडियो स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय माध्यम एवं सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसका असर गिलगित-बाल्टिस्तान में होता दिखाई देने लगा था। पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्मीर के हिस्से का साथ गिलगित-बाल्टिस्तान की ओर अनदेखी हो रही हैं, ऐसी नाराज़गी यहां के लोगों में थी। पाकिस्तानी हुकूमत ने चीन के साथ ‘चाइना-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) प्रकल्प के लिए गिलगित-बाल्टिस्तान का इस्तेमाल किया। यहां के स्कर्दू शहर में चीन को प्रवेश दिया। लेकिन, इसके बावजूद इस क्षेत्र का विकास नहीं हुआ, ऐसी शिकायतें स्थानीय लोग कर रहे थे। पाकिस्तान और चीन की हुकूमत हमारे ही संसाधनों की लूट कर रहे हैं, ऐसा आरोप गिलगित-बाल्टिस्तान’ के नेताओं ने लगाना शुरू किया था।

साथ ही पाकिस्तानी सेना यहां के जनसांख्यिकी बदल रही हैं, ऐसा आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है। अन्याय के विरोध बोलने वालों को काफी उत्पीड़ित किया जाता है, ऐसे आरोप भी लगाए जा रहे थे। कुछ दिन पहले गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानिय नेता पर ईश निंदा का अपराधिक मामला दर्ज़ किया गया था। लेकिन, हमारे नेता को गलत आरोप लगाकर फंसाया जा रहा हैं, ऐसी आलोचना करके स्थानिय लोगों ने हमारे नेताओं को तुरंत छोड़ दे, ऐसी मांग की थी। इसके लिए हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हैं।

पाकिस्तानी सेना इन प्रदर्शनों को कुचलने की कोशिश की थी। लेकिन, इसमें वह कामयाब नहीं हो सकी हैं। इन प्रदर्शनों में ‘चलो चलो कारगिल चलो’ के नारे लगाए गए। साथ ही पाकिस्तान की हुकूमत दमन बंद नहीं करती तो कारगिल की सीमा पार करके इस क्षेत्र को भारत में विलीन करने की चेतावनी इन प्रदर्शनों में दी गई थी। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने भी उनकी इस मांग का समर्थन किया। इस वजह से बेचैन हुए पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करके वहां शुरू प्रदर्शनों की जानकारी छुपाने की कोशिश की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.