चीन-पाकिस्तान के बने ‘जेएफ-१७’ विमान म्यांमार के लिए ‘अनफिट’ साबित हो रहे हैं

नेपिदाव – ‘जेएफ-१७ थंडर’ यह बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान सीर्फ हवाई नहीं, बल्कि अंतरिक्ष युद्ध के लिए भी तैयार हैं। विश्व के किसी भी देश के पास इन विमानों का तोड़ नहीं हैं, ऐसा दावा चीन और पाकिस्तान कर रहे हैं। यह विमान अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में उतारने के लिए इन दोनों देशों की बड़ी जोरदार कोशिश शुरू है। लकिन चीन-पाकिस्तान के बनाए गए यह विमान उड़ान भरने के लायक भी नहीं हैं, ऐसा गुस्सा म्यांमार की जुंटा हुकूमत व्यक्त कर रही हैं। म्यांमार की वायु सेना ने इन विमानों को ‘ग्राऊंडेड’ यानी इनके उड़ान पर रोक लगाई हैं, ऐसी खबरें म्यांमार के माध्यम दे रहे हैं।

वर्ष २०१९ में म्यांमार ने चीन के दबाव में ११ ‘जेएफ-१७ थंडर’ वमान खरिदे थे। लेकिन, म्यांमार की वायु सेना में शामिल होने के कुछ ही महीने बाद इन विमानों में बिघाड़ हुआ। विमानों की मरम्मत करने के लिए पाकिस्तान ने अपने तंत्रज्ञों का दल म्यांमार रवाना किया था। लेकिन, इससे कुछ भी लाभ नहीं हुआ, ऐसा म्यांमार के माध्यमों का कहना है।

पिछले चार वर्ष से अधिक लंबा समय यानी जब से यह विमान म्यांमार की वायु सेना के बेड़े में शामिल किए गए हैं, तभी से इन्हें किसी भी अभियान में अबतक उतारा नहीं गया है। इन विमानों का दर्जा काफी नीचले स्तर का होने का दावा किया जा रहा है। म्यांमार की हवाई सेना विभिन्न अभियान के लिए ‘मिग-२९’ और ‘याक-१३०’ विमान इस्तेमाल कर रही हैं। चीन के दबाव के कारण म्यांमार ने पाकिस्तान से विमानों की खरीद की। लेकिन अब म्यांमार की जुंटा हुकूमत पछता रही हैं। साथ ही पाकिस्तान से किसी भी तरह के हथियारों की खरीद न करने के संकेत जुंटा हुकूमत दे रही हैं।

इससे पहले नाइजेरिया ने भी चीन-पाकिस्तान के बनाए ‘जेएफ-१७’ विमानों को लेकर अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी। इन विमानों का परीक्षण करने पर इसमें दोष पाए गए और इसके बाद अर्जेंटिना ने इन विमानों की खरीद करने का विचार छोड़ दिया था। पाकिस्तान की वायु सेना के बेड़े में मौजूद इन विमानों में से कई विमान आज भी मरम्मेत के बिना बेकार पड़े हैं और इनके उड़ान पर भी रोक लगाई गई हैं, यह भी पहले ही स्पष्ट हुआ था।

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